दिल्ली हाईकोर्ट ने हाइब्रिड कोर्ट परियोजना को लागू करने के निर्देश जारी किए, दिल्ली सरकार को वित्तीय अनुमतियों में तेजी लाने का निर्देश दिया

Update: 2024-05-02 08:57 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में राष्ट्रीय राजधानी की अदालतों में हाइब्रिड सुनवाई की परियोजना को लागू करने के लिए विभिन्न निर्देश जारी किए। कार्यवाहक चीफ ज‌स्टिस मनमोहन और जस्टिस मनमीत पीएस अरोड़ा की खंडपीठ ने दिल्ली सरकार को सभी 691 अदालतों के संबंध में वित्तीय अनुमति में तेजी लाने का निर्देश दिया। परियोजना के लिए प्रारंभिक अनुमान लगभग 387 करोड़ रुपये है।

यह राशि राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) की ओर से अनुमोदित आंकड़ों के अनुसार है। अदालत ने निर्देश दिया कि शुरुआत में हर एक जिले में दो पायलट अदालतें स्थापित की जाएंगी और यदि प्रदर्शन संतोषजनक पाया जाता है तो परियोजना को सभी अदालतों में लागू किया जाएगा।

कोर्ट ने रजिस्ट्रार जनरल को एनआईसी और दिल्ली जिला न्यायालयों के आईटी और डिजिटलीकरण के अध्यक्ष या कार्यालय परामर्श से प्रस्ताव पर विचार करने का निर्देश दिया।

पीठ ने यह आदेश अनिल कुमार हाजेले की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया, जिसमें उन वकीलों के लाभ के लिए हाइब्रिड सुनवाई की मांग की गई थी, जो सह-रुग्णताओं से पीड़ित हैं और COVID-19 के कारण शारीरिक रूप से अदालत में पेश होने में असमर्थ हैं। इस मामले पर अगली सुनवाई 16 जुलाई को होगी।

केस टाइटल: अनिल कुमार हाजेले और अन्य बनाम माननीय दिल्ली हाईकोर्ट

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