नर्सिंग होम में अग्नि सुरक्षा मानदंडों के कार्यान्वयन के लिए याचिका पर चार सप्ताह के भीतर निर्णय लें: दिल्ली सरकार से हाइकोर्ट

Update: 2024-06-05 12:02 GMT

दिल्ली हाइकोर्ट ने दिल्ली सरकार को राष्ट्रीय राजधानी में छोटे अस्पतालों और नर्सिंग होम द्वारा लागू किए जा सकने वाले अग्नि सुरक्षा और स्प्रिंकलर पर बुनियादी मानदंडों को तैयार करने के लिए चार सप्ताह के भीतर एक प्रतिनिधित्व पर निर्णय लेने का निर्देश दिया है।

एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने दिल्ली सरकार को युगांश मित्तल द्वारा दायर जनहित याचिका को प्रतिनिधित्व के रूप में मानने और कानून के अनुसार तर्कसंगत आदेश के माध्यम से उस पर निर्णय लेने का निर्देश दिया।

पीठ में शामिल जस्टिस मनमीत पीएस अरोड़ा कहा,

"प्रतिवादी नंबर 1 और 2 आठ सप्ताह के भीतर इस न्यायालय के समक्ष कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल करेंगे।"

यह जनहित याचिका शहर के विवेक विहार में बेबी केयर न्यू बोर्न अस्पताल में 26 मई को हुई हालिया घटना के मद्देनजर दायर की गई थी। अस्पताल में आग लगने से सात नवजात शिशुओं की मौत हो गई।

याचिका में अधिकारियों को निर्देश देने की मांग की गई कि वे दिल्ली अग्निशमन सेवा नियम, 2010 के तहत पहले से स्थापित अग्नि सुरक्षा मानदंडों के अनुपालन के संबंध में शहर के छोटे अस्पतालों और नर्सिंग होम का निरीक्षण करें।

मित्तल ने हाल ही में आई खबर का हवाला दिया, जिसमें कहा गया कि दिल्ली सरकार के साथ पंजीकृत लगभग 1000 अस्पतालों में से केवल 196 के पास ही अग्नि अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) है।

उनका कहना था कि छोटी इमारतों के लिए अग्निशामक यंत्र और स्वचालित अग्नि अलार्म जैसे कुछ बुनियादी अग्नि सुरक्षा मानदंडों का पालन किया जाना चाहिए, क्योंकि 09 मीटर से कम ऊंचाई वाली इमारतों के लिए किसी भी लागू करने योग्य मानदंडों की कमी मानव जीवन के लिए खतरा पैदा करती है।

दिल्ली सरकार के वकील ने बताया कि यह कोई प्रतिकूल कार्यवाही नहीं है और सरकार अग्निशमन मानदंडों में सभी न्यायसंगत और निष्पक्ष सुझावों को शामिल करने के लिए तैयार है।

अदालत ने कहा,

"इसके परिणामस्वरूप यह न्यायालय प्रतिवादी नंबर 1 और 2 को वर्तमान रिट याचिका प्रतिनिधित्व के रूप में मानने और चार सप्ताह के भीतर कानून के अनुसार, तर्कसंगत आदेश के माध्यम से उस पर निर्णय लेने का निर्देश देकर वर्तमान रिट याचिका का निपटारा करता है।"

अब मामले की सुनवाई 09 अगस्त को की जाएगी, जिससे कार्रवाई रिपोर्ट की निगरानी की जा सके।

केस टाइटल- युगांश मित्तल बनाम दिल्ली सरकार और अन्य।

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