फैक्ट्रियों का गंदा पानी यमुना में मिल रहा, दिल्ली हाईकोर्ट ने DPCC से सुधारात्मक कदमों पर जवाब मांगा

Update: 2025-09-11 12:53 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार (11 सितंबर) को दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) को निर्देश दिया कि वह अदालत के सामने सभी औद्योगिक क्षेत्रों का पूरा चार्ट रखे और यह बताए कि फैक्ट्रियों व उद्योगों से निकलने वाले अपशिष्ट के उपचार की नियमित निगरानी के लिए वह क्या कदम उठा रही है।

अदालत ने आगे समिति को अगली तारीख पर पेश होने और उस विशेष समिति की रिपोर्ट पर अपनी दलीलें रखने का आदेश दिया, जिसने शहर के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (STPs) का निरीक्षण किया था। रिपोर्ट के अनुसार, ज्यादातर फैक्ट्रियां सीवेज सीधे नालों में छोड़ रही हैं और उपचारित पानी untreated सीवेज के साथ मिलकर यमुना में बह रहा है।

मई में कोर्ट ने स्थानीय आयुक्तों की एक विशेष समिति बनाई थी ताकि सभी STPs का साइट निरीक्षण किया जा सके। जुलाई में कोर्ट ने दिल्ली जल बोर्ड (DJB) और MCD को संयुक्त रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया था, जिसमें यमुना में जाने वाले पानी के उपचार को लेकर एक्शन प्लान प्रस्तुत करना था।

जस्टिस प्रभा सिंह और जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की डिवीजन बेंच ने आदेश में कहा कि STPs और CETPs पर तीन रिपोर्टें दाखिल हुई हैं, जिनसे बेहद चिंताजनक और चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। इनमें पाया गया कि –

1. घरेलू सीवेज और औद्योगिक अपशिष्ट का आपस में मिलाव हो रहा है।

2. अधिकांश उद्योग बिना उपचार किए कचरा सीधे नालों में डाल रहे हैं।

3. STPs और CETPs से निकला उपचारित पानी untreated पानी के साथ मिल रहा है।

4. CETPs का पूरा उपयोग नहीं हो रहा और अपग्रेडेशन की जरूरत है।

5. कई जगहों पर मीटर रीडिंग्स और फ्लो मॉनिटरिंग नहीं हो रही।

कोर्ट ने कहा कि इस स्थिति से निपटने के लिए एक समग्र प्रयास जरूरी है और IIT दिल्ली द्वारा 2018 में तैयार मास्टर ड्रेनेज प्लान को अपडेट कर लागू करने की आवश्यकता है।

अदालत ने DPCC को आदेश दिया कि वह बताए कितनी फैक्ट्रियां CETPs से जुड़ी हैं और क्या उनमें उपचार संयंत्र लगे हैं। साथ ही, DSIDC से 13 CETPs की स्थिति रिपोर्ट और बवाना व नरेला की सभी फैक्ट्रियों का चार्ट मांगा गया है।

मामला अब 19 सितंबर को सुना जाएगा। अदालत ने इस मुद्दे पर 2022 में टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित एक लेख पर स्वतः संज्ञान लेकर जनहित याचिका शुरू की थी।

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