सैनिक फार्म कॉलोनियों के नियमितीकरण पर दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार से की सख्त पूछताछ, कहा- जिम्मेदारी से बचने की लगी है होड़

Update: 2025-08-14 07:17 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने सैनिक फार्म इलाके में कथित अवैध निर्माणों के नियमितीकरण को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसा लगता है जैसे हर कोई जिम्मेदारी से बचने की कोशिश कर रहा है और अंत में यह मामला अदालत पर आकर रुकता है।

चीफ जस्टिस डी.के. उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने दोनों सरकारों और संबंधित अधिकारियों को मार्च में दिए गए अपने आदेश की याद दिलाई, जिसमें उन्हें मिलकर इस मुद्दे का समाधान खोजने को कहा गया था।

अदालत ने नाराज़गी जताई कि यह याचिका 2015 से लंबित है और पिछले 10 साल से निवासी मरम्मत तक नहीं करा पा रहे हैं, क्योंकि 2001 के आदेश के तहत निर्माण सामग्री लाने पर रोक है।

अदालत ने कहा,

"आप जानते हैं, ये कॉलोनियां कैसे अस्तित्व में आईं और क्यों चल रही हैं, फिर भी सरकारें कोई ठोस कदम नहीं उठा रहीं।"

कोर्ट ने सुझाव दिया कि समस्या के समाधान के लिए कानून बनाया जा सकता है, जिसमें विकास शुल्क वसूलने या निर्माण की कुछ सीमाएं तय करने जैसे प्रावधान हों।

अदालत ने साफ कहा कि अनुमति देना या रोकना कार्यपालिका का काम है अदालत का नहीं और दोनों सरकारों को गंभीरता से इसका हल निकालना होगा।

मामले की अगली सुनवाई 8 अक्टूबर को होगी।

Tags:    

Similar News