हाईकोर्ट ने अरविंद केजरीवाल और आतिशी के खिलाफ BJP नेता का मानहानि मामला खारिज करने से किया इनकार

Update: 2024-09-02 10:52 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (AAP) के अन्य नेताओं के खिलाफ BJP नेता द्वारा दायर मानहानि मामला खारिज करने से इनकार किया। यह मामला 2018 में राष्ट्रीय राजधानी में मतदाता सूची से मतदाताओं के नाम कथित रूप से हटाए जाने के बारे में उनकी टिप्पणियों के लिए दायर किया गया था।

जस्टिस अनूप कुमार मेंदीरत्ता ने केजरीवाल और AAP नेताओं द्वारा सेशन कोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर याचिका खारिज की। सेशन कोर्ट ने मजिस्ट्रेट अदालत का आदेश बरकरार रखते हुए उन्हें शिकायत में आरोपी के रूप में तलब किया था।

BJP नेता राजीव बब्बर ने केजरीवाल, सुशील कुमार गुप्ता, मनोज कुमार और आतिशी मार्लेना के खिलाफ शिकायत दायर की थी।

अदालत ने कहा कि संवैधानिक योजना के तहत प्रत्येक नागरिक को राजनीतिक प्रक्रियाओं के बारे में राय बनाने के लिए सही जानकारी जानने का अधिकार है। लेकिन किसी राजनीतिक दल को प्रिंट मीडिया को प्रायोजित करने और प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दल के खिलाफ मानहानि के आरोप लगाने की अनुमति नहीं दी जा सकती।

अदालत ने आगे कहा कि टिप्पणी प्रथम दृष्टया मानहानिकारक है। BJP को बदनाम करने के लिए की गई, क्योंकि आरोप है कि मतदाताओं के नाम हटाने के लिए BJP जिम्मेदार है।

यह देखते हुए कि टिप्पणी अनुचित राजनीतिक लाभ प्राप्त करने के लिए की गई, अदालत ने केजरीवाल और अन्य AAP नेताओं को मानहानि के अपराध के लिए तलब करने के ट्रायल कोर्ट का आदेश बरकरार रखा।

इस मामले की कार्यवाही को 2020 में समन्वय पीठ ने रोक दिया।

जस्टिस मेंदीरत्ता ने उक्त अंतरिम आदेश खारिज किया और पक्षकारों को 03 अक्टूबर को ट्रायल कोर्ट के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया।

बब्बर ने मतदाता सूची से मतदाताओं के नाम हटाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) को दोषी ठहराकर उसकी प्रतिष्ठा को "नुकसान" पहुंचाने के लिए केजरीवाल और AAP नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

उन्होंने दावा किया कि आप नेताओं ने दिसंबर 2018 में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आरोप लगाया कि BJP के निर्देश पर भारत के चुनाव आयोग ने बनिया, पूर्वांचली और मुस्लिम समुदाय के 30 लाख मतदाताओं के नाम हटा दिए।

हाईकोर्ट के समक्ष केजरीवाल और AAP नेताओं ने दलील दी कि निचली अदालत यह समझने में विफल रही कि उनके खिलाफ कोई अपराध नहीं बनता।

उन्होंने दलील दी कि निचली अदालत के आदेश यह समझने में विफल रहे कि AAP नेताओं ने बब्बर या उनकी पार्टी के खिलाफ कोई बयान नहीं दिया या प्रकाशित नहीं किया, जैसा कि उन्होंने आरोप लगाया।

केस टाइटल: अरविंद केजरीवाल एवं अन्य बनाम राज्य एवं अन्य।

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