गंभीर तथ्य छुपाने पर दिल्ली हाई कोर्ट ने पोपी सीड्स तस्करी मामले में याचिकाकर्ता पर ₹5 लाख जुर्माना लगाया

Update: 2025-11-20 03:35 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में एक कंपनी के पावर ऑफ अटॉर्नी होल्डर पर ₹5 लाख का भारी जुर्माना लगाया, जिस पर अफीम (poppy seeds) और सुपारी जैसी प्रतिबंधित वस्तुओं की तस्करी में शामिल होने का संदेह था।

जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह और जस्टिस शैल जैन की खंडपीठ ने पाया कि याचिकाकर्ता ने यह तथ्य छुपाया कि कस्टम विभाग द्वारा लगाए गए पेनल्टी आदेश के खिलाफ उसकी चुनौती पहले भी हाई कोर्ट द्वारा खारिज की जा चुकी है।

कोर्ट ने टिप्पणी की—

“याचिकाकर्ता के वकील का दायित्व था कि वह इस याचिका में सभी संबंधित तथ्य और पिछली कार्यवाही सामने रखे, जो दुर्भाग्य से नहीं किया गया।”

संक्षेप में, याचिकाकर्ता M/s Meadows International Co. का पावर ऑफ अटॉर्नी होल्डर है, जिसने 'अमोनियम सल्फेट' के नाम पर भारत को माल निर्यात किया था। कस्टम विभाग को गलत घोषणा और छिपाव का संदेह होने पर कंटेनरों की जांच की गई, जिसमें असली माल 'खसखस (poppy seeds)' और 'सुपारी (areca nuts)' पाया गया।

इसके बाद माल को पूरी तरह जब्त कर लिया गया और याचिकाकर्ता तथा कंपनी के अधिकृत प्रतिनिधि पर ₹12 करोड़ का दंड लगाया गया। साथ ही, याचिकाकर्ता पर अलग से ₹4 लाख का जुर्माना भी लगाया गया।

याचिकाकर्ता ने दलील दी कि वह केवल एक पावर ऑफ अटॉर्नी होल्डर है और अधिकतम एक एजेंट की भूमिका निभा रहा था, इसलिए उस पर पेनल्टी नहीं लग सकती।

हाईकोर्ट ने पाया कि मामले में गंभीर आरोप हैं और याचिकाकर्ता ने बार-बार समन भेजे जाने के बावजूद कस्टम विभाग के साथ सहयोग नहीं किया, तथा नोटिस मिलने के बाद भी कोई जवाब दाखिल नहीं किया। कोर्ट ने उस पर इस लेनदेन से जुड़े पिछले मुकदमों को छिपाने के लिए भी कड़ी आलोचना की।

याचिकाकर्ता ने यह भी दावा किया कि उसने Meadows International Co. से जुड़े दस्तावेज अपने वकील के कहने पर ही साइन किए थे। इस पर कोर्ट ने कहा—

“मामले में जो दिखाई दे रहा है, उससे कहीं अधिक छिपा हुआ है। ऐसे मामलों में हाई कोर्ट अपनी रिट अधिकारिता का प्रयोग नहीं करेगा।”

अंत में कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए याचिकाकर्ता पर ₹5,00,000 का उदाहरणीय (exemplary) जुर्माना लगाया, जिसे आदेश की तारीख से चार सप्ताह के भीतर दिल्ली हाई कोर्ट स्टाफ वेलफेयर फंड में जमा कराने का निर्देश दिया।

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