दिल्ली हाईकोर्ट ने किया MCD का फ़ैसला बरक़रार, बच्चों के लिए पार्क की ज़मीन बनेगी स्कूल का मैदान

Update: 2025-08-21 06:02 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने नगर निगम (MCD) के उस फ़ैसले को सही ठहराया, जिसमें मॉडल टाउन इलाके की एक ज़मीन को सार्वजनिक सजावटी पार्क (Ornamental Park) की बजाय MCD स्कूल के बच्चों के खेल मैदान के रूप में इस्तेमाल करने का निर्णय लिया गया।

जस्टिस मिनी पुष्कर्णा ने कहा कि बच्चों की शारीरिक वृद्धि और विकास के लिए मैदान बेहद ज़रूरी है। इसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने उन व्यक्तियों की याचिका खारिज कर दिया, जिन्होंने मांग की थी कि MCD अपनी पुरानी सहमति (2011) के मुताबिक उस ज़मीन को सार्वजनिक पार्क के तौर पर विकसित करे।

MCD ने तर्क दिया कि ज़मीन स्कूल के साथ जुड़ी हुई और लंबे समय से उसी उपयोग में लाई जा रही है, इसलिए इसे बच्चों के खेल मैदान के रूप में इस्तेमाल करना ज़रूरी है। कोर्ट ने माना कि लेआउट प्लान बदलकर ज़मीन को वास्तविक उपयोग (Playground) के अनुरूप करना क़ानून के दायरे में है। इसमें मास्टर प्लान (MPD-2021) का कोई उल्लंघन नहीं है।

जस्टिस पुष्कर्णा ने कहा कि बच्चों की पढ़ाई के साथ खेल-कूद भी उतना ही अहम हिस्सा है और खेल का मैदान उनके सर्वांगीण विकास के लिए अनिवार्य है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि याचिकाकर्ताओं के घरों को ताज़ी हवा और धूप मिलने में कोई बाधा नहीं होगी, क्योंकि पास ही 100 एकड़ का “शालीमार गार्डन” मौजूद है, जहां लोग घूमने-फिरने और मनोरंजन के लिए जा सकते हैं।

अंत में कोर्ट ने साफ कहा कि याचिकाकर्ता यह साबित नहीं कर पाए कि उन्हें उस ज़मीन को सार्वजनिक पार्क के रूप में इस्तेमाल करने का कोई वैधानिक अधिकार है। इसलिए उस ज़मीन को स्कूल के बच्चों के खेल मैदान के तौर पर इस्तेमाल करने में कोई रुकावट नहीं है।

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