दिल्ली हाईकोर्ट ने हजरत निजामुद्दीन में मस्जिद और मदरसा खाली करने का आदेश दिया

Update: 2024-06-14 04:51 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने सराय काले खां के हजरत निजामुद्दीन में स्थित मस्जिद और मदरसे को खाली करने का आदेश दिया, जिसे नगर निगम के अधिकारियों द्वारा ध्वस्त किया जाना है।

जस्टिस अमित शर्मा की वेकेशन बेंच ने फैजयाब मस्जिद और मदरसा द्वारा अधिकारियों के ध्वस्तीकरण के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका खारिज की।

यह आदेश मस्जिद के रखवाले द्वारा यह दलील दिए जाने के बाद पारित किया गया कि परिसर को एक महीने के भीतर खाली कर दिया जाना चाहिए। अधिकारियों द्वारा किए जा रहे ध्वस्तीकरण अभियान को रोकने के लिए कोई भी आगे कोई प्रयास नहीं करेगा।

अदालत ने आदेश दिया,

"इस न्यायालय के समक्ष याचिकाकर्ता के कार्यवाहक द्वारा दिए गए वचन के मद्देनजर, प्रतिवादी नंबर 1 और 2 को याचिकाकर्ता या उसके माध्यम से दावा करने वाले किसी अन्य व्यक्ति को खसरा नंबर 17, भेलौलपुर खादर, सराय काले खां, हरजत निजामुद्दीन, नई दिल्ली में स्थित मस्जिद और मदरसा जैसे विषय परिसर को खाली करने के लिए एक महीने का समय देने का निर्देश दिया जाता है।"

इसने स्पष्ट किया कि मस्जिद और मदरसा के संबंध में याचिकाकर्ता को कोई और समय विस्तार नहीं दिया जाएगा, क्योंकि विषय संपत्ति सार्वजनिक उद्देश्य के लिए आवश्यक है।

चूंकि याचिकाकर्ता के वकील ने याचिका वापस लेने की मांग की, इसलिए अदालत ने याचिका वापस ले ली।

याचिका में 13 जून को मस्जिद और मदरसा को ध्वस्त करने की दिल्ली पुलिस और दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) की कार्रवाई को चुनौती दी गई। याचिकाकर्ता का कहना है कि यह कार्रवाई अवैध, मनमानी और असंवैधानिक है।

इसके अलावा, याचिका में अधिकारियों को यह निर्देश देने की भी मांग की गई कि वे याचिकाकर्ता को आदेश, बैठक के मिनट और फाइल नोटिंग की प्रतियां मुहैया कराएं, जिसके तहत मस्जिद और मदरसा को ध्वस्त करने का फैसला लिया गया।

याचिकाकर्ता ने विध्वंस कार्रवाई के खिलाफ उचित कानूनी उपाय करने के लिए उचित समय और ऐसा होने तक यथास्थिति बनाए रखने की भी मांग की।

केस टाइटल: फैजयाब मस्जिद और मदरसा बनाम धार्मिक समिति और अन्य।

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