दिल्ली हाईकोर्ट ने TMC सांसद साकेत गोखले को लक्ष्मी पुरी के खिलाफ अपमानजनक ट्वीट के लिए 50 लाख रुपये का हर्जाना देने का आदेश दिया

Update: 2024-07-01 09:51 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद साकेत गोखले को संयुक्त राष्ट्र में भारत की पूर्व सहायक महासचिव लक्ष्मी पुरी के खिलाफ मानहानि के मुकदमे में 50 लाख रुपये का हर्जाना देने को कहा।

गोखले ने अपने ट्वीट में पुरी द्वारा स्विट्जरलैंड में खरीदी गई संपत्ति का जिक्र किया था। उन्होंने उनके तथा उनके पति केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी की संपत्ति के बारे में सवाल उठाए थे। उन्होंने ट्वीट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भी टैग किया था और ED जांच की मांग की थी।

जस्टिस अनूप जयराम भंभानी ने मुकदमे का फैसला सुनाते हुए गोखले को टाइम्स ऑफ इंडिया में माफीनामा डालने को कहा। उन्हें अपने ट्विटर हैंडल पर माफीनामा डालने का भी निर्देश दिया गया, जिसे 6 महीने तक रखना होगा।

सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह पुरी की ओर से पेश हुए।

ट्रायल में कहा गया कि गोखले के ट्वीट झूठे और अपमानजनक थे। पुरी का कहना है कि ट्वीट दुर्भावनापूर्ण तरीके से प्रेरित थे। तदनुसार, डिज़ाइन किए गए, झूठी अफवाहों से भरे हुए थे और तथ्यों को जानबूझकर तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया।”

जुलाई 2021 में समन्वय पीठ ने मुकदमे में अंतरिम निषेधाज्ञा आवेदन पर निर्णय लेते हुए पुरी के पक्ष में फैसला सुनाया। इसके बाद अदालत ने गोखले को 24 घंटे के भीतर संबंधित ट्वीट हटाने का निर्देश दिया। उन्हें पुरी के खिलाफ कोई और अपमानजनक सामग्री पोस्ट करने से भी रोक दिया गया।

अदालत ने अंतरिम आदेश में कहा था,

“निस्वार्थ सेवा और परिश्रम के वर्षों से पोषित और पोषित प्रतिष्ठा एक पल में खत्म हो सकती है; एक विचारहीन कटाक्ष पर्याप्त है।”

अदालत ने नोट किया कि उक्त ट्वीट में गोखले ने न केवल कुछ आरोप लगाए, बल्कि यह भी कहा कि, “उनके पास लेन-देन से संबंधित 'सभी कागजात/दस्तावेज' हैं”, जिससे “प्रथम दृष्टया यह आभास होता है कि गलत बयान जानबूझकर दिया गया।”

केस टाइटल: लक्ष्मी मुर्देश्वर पुरी बनाम साकेत गोखले

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