दिल्ली हाईकोर्ट ने MEA को दुबई में विदेशी नागरिक द्वारा कथित तौर पर बंदी बनाई गई महिला की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आदेश दिया

Update: 2025-12-01 04:47 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने विदेश मंत्रालय (MEA) और दुबई में भारत के कॉन्सुलेट जनरल को निर्देश दिया कि वह दुबई में एक विदेशी नागरिक द्वारा कथित तौर पर बंदी बनाई गई और शारीरिक शोषण की गई 25 साल की भारतीय महिला की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तुरंत कदम उठाएं।

जस्टिस सचिन दत्ता ने MEA और दुबई में भारत के कॉन्सुलेट जनरल को महिला की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने और आरोपों को वेरिफाई करने के लिए तुरंत कदम उठाने का निर्देश दिया।

कोर्ट महिला के पिता वी. थिरुनावुक्कारासु की दायर याचिका पर विचार कर रहा था, जिसमें अधिकारियों को दुबई, UAE से अपनी बेटी को वापस लाने के लिए कदम उठाने का निर्देश देने की मांग की गई।

उनका मामला यह है कि उनकी बेटी जनवरी, 2023 में दुबई गई, जब चेन्नई के एक अस्पताल में मिले विदेशी नागरिक ने उसे मेडिकल असिस्टेंट के तौर पर एक साल की नौकरी का ऑफर दिया था।

याचिका के अनुसार, उसका पासपोर्ट और वीज़ा जब्त कर लिया गया और समय के साथ परिवार के साथ उसकी बातचीत बहुत कम हो गई। पिता ने कोर्ट को बताया कि अक्टूबर में उनकी बेटी के एक परेशान करने वाले कॉल में पता चला कि उसके साथ मारपीट की गई और उसे ज़रूरी चीज़ें भी नहीं दी गईं।

उन्होंने 15 नवंबर को अधिकारियों को एक रिप्रेजेंटेशन भी दिया, जिसमें उनकी बेटी को बचाने और उसे भारत वापस लाने का इंतज़ाम करने की मांग की गई। हालांकि, उन्होंने आरोप लगाया कि इसका कोई पॉज़िटिव नतीजा नहीं निकला।

अधिकारियों से दो हफ़्ते के अंदर मामले में स्टेटस रिपोर्ट फ़ाइल करने को कहते हुए कोर्ट ने कहा:

“हालात की गंभीरता को देखते हुए विदेश मंत्रालय, भारत सरकार और दुबई, UAE में भारत के कॉन्सुलेट जनरल को पिटीशनर की बेटी की सुरक्षा और भलाई पक्का करने के लिए तुरंत कदम उठाने और इस पिटीशन में लगाए गए आरोपों को वेरिफ़ाई करने का निर्देश दिया जाता है।”

इसके अलावा, जस्टिस दत्ता ने आदेश दिया कि अगर महिला चाहे तो उसे भारत लौटने में मदद की जाए।

अब इस मामले की सुनवाई 15 दिसंबर को होगी।

Title: V.THIRUNAVUKKARASU v. UNION OF INDIA & ANR

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