पतंजलि के उत्पाद में मांसाहारी तत्व होने का दावा करने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया

Update: 2024-08-31 09:32 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने उस याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि पतंजलि के दिव्य मंजन उत्पाद में मांसाहारी तत्व हैं।

जस्टिस संजीव नरूला ने केंद्र सरकार, दिव्य फार्मेसी (निर्माता), पतंजलि आयुर्वेद (विक्रेता), योग गुरु रामदेव, आचार्य बालकृष्ण, भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) और अन्य संबंधित पक्षों से जवाब मांगा।

इस मामले की सुनवाई अब नवंबर में होगी।

याचिकाकर्ता यतिन शर्मा ने संबंधित उत्पाद की कथित गलत ब्रांडिंग के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उन्होंने दावा किया कि डेंटल उत्पाद को हरे रंग के बिंदु के साथ बेचा जा रहा है, जो दर्शाता है कि यह शाकाहारी वस्तु है।

याचिका में कहा गया कि शर्मा ब्राह्मण समुदाय से हैं। उन्होंने यह सोचकर उत्पाद का इस्तेमाल किया कि यह प्रकृति में शाकाहारी है लेकिन अब उन्हें पता चला कि दिव्य मंजन में समुद्रफेन (सीपिया ऑफिसिनेलिस) है, जो मछली के अर्क (कटलफिश की हड्डी) से प्राप्त होता है।

शर्मा का कहना है कि उन्होंने उत्पाद की कथित गलत ब्रांडिंग के खिलाफ कई शिकायतें दर्ज कराई लेकिन अधिकारियों द्वारा अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।

याचिका में कहा गया,

"यह याचिका मांसाहारी सामग्री वाले दिव्य मंजन के उत्पादन और प्रचार के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने में प्रतिवादियों की ओर से की गई चूक को दूर करने के लिए न्यायिक हस्तक्षेप की आवश्यकता को रेखांकित करती है।"

इसमें कहा गया कि रामदेव ने अपने यूट्यूब वीडियो में स्वीकार किया कि समुद्रफेन नामक तत्व एक पशु-आधारित उत्पाद है और इसका उपयोग दिव्य मंजन उत्पाद में किया जाता है।

याचिका में कहा गया,

"याचिकाकर्ता मांसाहारी उत्पाद के अनजाने में सेवन से होने वाली गहरी परेशानी के निवारण की मांग करता है, धार्मिक विश्वासों को बनाए रखने और उत्पाद प्रतिनिधित्व में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के महत्व पर जोर देता है।"

केस टाइटल- यतिन शर्मा बनाम भारत संघ और अन्य।

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