बिजनोर कोर्ट में हत्या के आरोपी की गोली मारकर हत्या: NHRC के आदेश के खिलाफ दिल्ली पुलिस की याचिका पर हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया
दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को दिल्ली हाइकोर्ट में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) द्वारा पारित उस आदेश को चुनौती दी, जिसमें शहर की तिहाड़ जेल में बंद हत्या के आरोपी की घटना पर अपने कर्तव्य को निभाने में कथित विफलता और लापरवाही को लेकर उस पर आरोप लगाए गए। आरोपी को उत्तर प्रदेश के बिजनौर की एक अदालत में ले जाया गया और वहां गोली मारकर हत्या कर दी गई।
जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने याचिका पर नोटिस जारी किया और NHRC के आदेश के उस हिस्से पर रोक लगा दी, जिसमें दिल्ली पुलिस को विचाराधीन कैदी शाहनवाज अंसारी की मौत पर 7 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया गया था।
शाहनवाज पर डबल मर्डर का आरोप था। उसे 17 दिसंबर 2019 को बिजनौर में कोर्ट रूम के अंदर गोली मार दी गई, जब कार्यवाही चल रही थी। उसे दिल्ली पुलिस द्वारा संबंधित मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष बिजनौर में पेशी के लिए ले जाया गया था।
दिल्ली पुलिस का मामला यह है कि किसी आरोपी को अदालत तक ले जाने वाले पुलिसकर्मी निहत्थे होते हैं और यह अदालत के अंदर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित नहीं करने में उत्तर प्रदेश पुलिस की विफलता है।
अदालत ने राज्य को इस मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस को प्रतिवादी पक्ष के रूप में शामिल करने का निर्देश दिया।
इसने अदालत की सहायता के लिए एमिक्य क्यूरी भी नियुक्त किया।
अब इस मामले की सुनवाई 18 जुलाई को होगी।
खबरों के मुताबिक मृतक शाहनवाज अंसारी बहुजन समाज पार्टी के नेता हाजी अहसान खान और उनके भतीजे के दोहरे हत्याकांड में आरोपी था। उसने राष्ट्रीय राजधानी में आत्मसमर्पण कर दिया था।
केस टाइटल- पुलिस आयुक्त बनाम अलीमुद्दीन अंसारी और अन्य