दिल्ली हाईकोर्ट ने जिला उपभोक्ता आयोगों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुनवाई की मांग वाली याचिका पर दिल्ली सरकार से जवाब मांगा
दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को जनहित याचिका (PIL) पर दिल्ली सरकार से जवाब मांगा, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी के जिला उपभोक्ता आयोगों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (VC) के माध्यम से सुनवाई पुनः शुरू करने और पानी व शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग की गई।
चीफ जस्टिस डी.के. उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने दिल्ली सरकार को हलफनामा दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया है।
इसके बाद याचिकाकर्ता को प्रत्युत्तर दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया गया।
अब यह मामला 17 सितंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया।
यह याचिका एडवोकेट एस.बी. त्रिपाठी द्वारा दायर की गई, जिसमें कहा गया कि कोविड-19 महामारी के बाद दिल्ली के सभी 10 जिला उपभोक्ता आयोगों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई बंद कर दी गई।
त्रिपाठी की RTI का भी हवाला दिया गया, जिसके जवाब में तीन जिला आयोगों ने बताया कि उनके पास VC सुनवाई के लिए आवश्यक ढांचा नहीं है और इसके लिए 5G कनेक्शन जरूरी है।
इस पर जस्टिस गेडेला ने दिल्ली सरकार के वकील से सवाल किया कि आज के समय में सरकार यह कैसे कह सकती है कि 5G कनेक्शन उपलब्ध नहीं है?
याचिका में यह भी कहा गया कि न्यायिक आदेशों के बावजूद आयोगों में वकीलों और आम जनता के लिए पानी और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं कराई गई।
त्रिपाठी ने यह मांग भी की कि दिल्ली के सभी 10 जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोगों में न्यायिक अधिकारियों की नियुक्ति की जाए ताकि पदों की रिक्तता से बचा जा सके।
टाइटल: एस.बी. त्रिपाठी बनाम भारत संघ व अन्य