स्वाति मालीवाल हमला मामला: दिल्ली हाईकोर्ट ने आरोपी बिभव कुमार की जमानत याचिका पर नोटिस जारी किया

Update: 2024-06-14 09:50 GMT

दिल्ली हाइकोर्ट ने कथित स्वाति मालीवाल हमला मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के करीबी सहयोगी बिभव कुमार द्वारा दायर जमानत याचिका पर दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा।

जस्टिस अमित शर्मा की अवकाश पीठ ने कुमार की जमानत याचिका पर नोटिस जारी किया और दिल्ली पुलिस से स्टेटस रिपोर्ट में जांच की स्थिति दिखाने को कहा।

कुमार की ओर से सीनियर एडवोकेट एन हरिहरन पेश हुए। दिल्ली पुलिस की ओर से सीनियर एडवोकेट संजय जैन पेश हुए।

कुमार को 27 मई को निचली अदालत ने जमानत देने से इनकार किया था। उनकी दूसरी नियमित जमानत याचिका 07 जून को सत्र अदालत ने खारिज की।

जमानत याचिका अधिवक्ता करण शर्मा और रजत भारद्वाज के माध्यम से दायर की गई।

कुमार का कहना है कि यह आपराधिक मशीनरी के दुरुपयोग और छलपूर्ण जांच का एक क्लासिक मामला है, क्योंकि उन्होंने और मालीवाल ने एक-दूसरे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है लेकिन केवल इसी मामले की जांच की जा रही है।

कुमार के अनुसार ऐसा इसलिए है, क्योंकि मालीवाल संसद सदस्य होने के नाते एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं। उन्होंने तर्क दिया है कि मालीवाल द्वारा उल्लंघन के बारे में उनकी शिकायत के आधार पर कोई जांच नहीं की जा रही है।

याचिका में कहा गया कि जमानत अस्वीकृति आदेश पारित करते समय एएसजे इस तथ्य पर विचार करने में विफल रहे कि उपरोक्त एफआईआर से संबंधित सभी साक्ष्य आईओ द्वारा एकत्र किए गए और गवाहों के बयान भी दर्ज किए गए हैं। इसलिए याचिकाकर्ता की हिरासत की आवश्यकता नहीं है और याचिकाकर्ता को न्यायिक हिरासत में रखने से कोई उपयोगी उद्देश्य पूरा नहीं होगा

इसमें आगे कहा गया कि कुमार को झूठे और तुच्छ मामलों में फंसाने की हद तक गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई। मालीवाल की एफआईआर शिकायतकर्ता की नापाक मंशा का परिणाम है।

हाल ही में कुमार ने मामले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए याचिका दायर की।

जस्टिस स्वर्णकांत शर्मा ने उनकी याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया। आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल की लिखित शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई।

कुमार को 18 मई को गिरफ्तार किया गया। दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया कि कुमार हमेशा जांच के दौरान असहयोगी रहे हैं और सवालों के जवाब टाल-मटोल वाले दिए हैं।

यह भी आरोप लगाया गया कि उन्होंने जानबूझकर अपने मोबाइल फोन का पासवर्ड नहीं बताया, जो सच्चाई को उजागर करने के लिए जांच में महत्वपूर्ण जानकारी है। मालीवाल ने आरोप लगाया कि जब वह 13 मई को केजरीवाल से मिलने उनके आवास पर गईं तो कुमार ने उनके साथ मारपीट की।

केस टाइटल- बिभव कुमार बनाम दिल्ली राज्य

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