कस्टम में SCN का मौखिक वेवर अवैध; सामान की लगातार जब्ती गैरकानूनी: दिल्ली हाईकोर्ट

Update: 2025-11-26 11:45 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि यदि शो कॉज नोटिस (SCN) या व्यक्तिगत सुनवाई को केवल मौखिक रूप से माफ किया गया हो, तो कस्टम विभाग द्वारा माल को लगातार जब्त रखना कानूनन मान्य नहीं है। जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह और जस्टिस शैल जैन की खंडपीठ उस मामले की सुनवाई कर रही थी जिसमें याचिकाकर्ता की 54 ग्राम की सोने की चेन कस्टम विभाग ने जब्त कर ली थी।

याचिकाकर्ता दुबई की निवासी प्रमाणपत्र धारक हैं और उनका कहना था कि 16 अप्रैल 2025 को भारत आगमन पर उनकी निजी उपयोग की ज्वेलरी को कस्टम ने रोक लिया, जबकि उन्हें कोई शो कॉज नोटिस जारी नहीं किया गया। दूसरी ओर, विभाग का कहना था कि याचिकाकर्ता ने मौखिक रूप से SCN और व्यक्तिगत सुनवाई के अधिकार को waive कर दिया था। इसके बावजूद विभाग ने 16 अक्टूबर 2025 को व्यक्तिगत सुनवाई की नोटिस जारी की और 27, 29 या 31 अक्टूबर 2025 को सुनवाई की तिथि प्रस्तावित की।

कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता का मामला बोनाफाइड है क्योंकि केवल मौखिक waiver के आधार पर SCN जारी नहीं किया गया था। कोर्ट ने स्पष्ट टिप्पणी की––

“कस्टम विभाग मौखिक waiver के आधार पर शो कॉज नोटिस न देने का दावा नहीं कर सकता, यह कस्टम्स एक्ट, 1962 की धारा 124 के खिलाफ है।”

कोर्ट ने Amit Kumar v. Commissioner of Customs (2025) और Makhinder Chopra v. Commissioner of Customs (2025) मामलों का हवाला देते हुए कहा कि यदि किसी व्यक्ति द्वारा SCN का waiver मानना है, तो यह लिखित घोषणा के रूप में होना चाहिए, जिसे उस व्यक्ति द्वारा जानबूझकर और सही समझकर हस्ताक्षरित किया गया हो।

कोर्ट ने आगे कहा––

“एक बार सामान जब्त कर लिया जाए, तो SCN जारी करना और व्यक्तिगत सुनवाई देना अनिवार्य है। कस्टम्स एक्ट की धारा 110 के अनुसार SCN जारी करने की अधिकतम अवधि छह महीने है। चूंकि इस मामले में छह महीने की अवधि समाप्त हो चुकी है और विभाग ने कोई विस्तार भी नहीं मांगा, इसलिए सोने की चेन का लगातार रोका जाना अवैध है।”

इन टिप्पणियों के आधार पर हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि याचिकाकर्ता की सोने की चेन तुरंत रिलीज की जाए।

Tags:    

Similar News