स्वाति मालीवाल मारपीट मामले में गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली बिभव कुमार की याचिका सुनवाई योग्य : हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया
दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार द्वारा कथित स्वाति मालीवाल मारपीट मामले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका की स्वीकार की।
जस्टिस स्वर्णकांत शर्मा ने आदेश सुनाया, जिसे 31 मई को निर्णय के लिए सुरक्षित रखा गया था। दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया गया।
दिल्ली पुलिस ने याचिका पर नोटिस जारी करने का विरोध किया था। शुरुआत में दिल्ली पुलिस की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट संजय जैन ने याचिका पर प्रारंभिक आपत्तियां उठाई थीं।
उन्होंने कहा कि याचिका सुनवाई योग्य नहीं है, क्योंकि कुमार ने अपनी याचिका में यह खुलासा नहीं किया कि उन्होंने सीआरपीसी की धारा 41ए का अनुपालन न करने के मुद्दे पर ट्रायल कोर्ट में आवेदन दायर किया, जिसे खारिज कर दिया गया।
कुमार की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट एन हरिहरन ने कहा कि याचिका में मुख्य प्रार्थना गिरफ्तारी को अवैध घोषित करने की है। यह मामला व्यक्तिगत स्वतंत्रता से जुड़ा है, जिसे हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कुमार की गिरफ्तारी की कोई आवश्यकता नहीं थी और उन्हें गिरफ्तारी के आधार भी नहीं बताए गए।
उन्होंने तर्क दिया कि जब कुमार ने स्वयं जांच में शामिल होने के लिए स्वेच्छा से सहमति जताई तो उन्हें गिरफ्तार करने की कोई आवश्यकता नहीं थी।
दो बार ट्रायल कोर्ट द्वारा जमानत देने से इनकार किए जाने वाले कुमार ने कहा कि दिल्ली पुलिस द्वारा उनकी गिरफ्तारी अवैध है और सीआरपीसी की धारा 41ए का घोर उल्लंघन है।
अपनी याचिका में कुमार ने तर्क दिया कि उनकी गिरफ्तारी अर्नेश कुमार बनाम बिहार राज्य और अमनदीप सिंह जौहर बनाम दिल्ली एनसीटी राज्य में सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का उल्लंघन है। इसके अलावा, कुमार ने अपनी "अवैध गिरफ्तारी" के लिए मुआवजे की मांग की।
उन्होंने अर्नेश कुमार बनाम बिहार राज्य में निर्धारित कानून के अनुसार उन दोषी अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की भी मांग की, जो उनकी गिरफ्तारी के निर्णय लेने में शामिल थे।
कुमार ने हाल ही में मामले में जमानत के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया। पिछले महीने उनकी जमानत याचिका पर नोटिस जारी किया गया था।
आम आदमी पार्टी (AAP) की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल की लिखित शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई। कुमार को 18 मई को गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया कि कुमार हमेशा जांच के दौरान असहयोगी रहे हैं और सवालों के जवाब टाल-मटोल वाले देते रहे हैं।
यह भी आरोप लगाया गया कि उन्होंने जानबूझकर अपने मोबाइल फोन का पासवर्ड नहीं बताया, जो सच्चाई को उजागर करने के लिए जांच में महत्वपूर्ण जानकारी है। मालीवाल ने आरोप लगाया कि जब वह 13 मई को केजरीवाल से मिलने उनके आवास पर गईं तो कुमार ने उनके साथ मारपीट की।
केस टाइटल: बिभव कुमार बनाम राज्य