एयरसेल मैक्सिस केस: दिल्ली हाईकोर्ट ने ED मामले में पी चिदंबरम के खिलाफ ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगाई

Update: 2024-11-20 06:59 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने एयरसेल मैक्सिस मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सीनियर कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम के खिलाफ ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर बुधवार को रोक लगाई।

जस्टिस मनोज कुमार ओहरी ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा उनके खिलाफ दायर आरोपपत्र पर संज्ञान लेने वाले ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली चिदंबरम की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया।

चिदंबरम ने अभियोजन के लिए मंजूरी न मिलने के आधार पर आदेश को चुनौती दी।

उनका प्रतिनिधित्व सीनियर एडवोकेट एन. हरिहरन और एडवोकेट अर्शदीप सिंह और अक्षत गुप्ता ने किया।

27 नवंबर 2021 को ट्रायल कोर्ट ने मामले में पी चिदंबरम और उनके कार्ति चिदंबरम के खिलाफ CBI और ED द्वारा दायर आरोपपत्रों पर संज्ञान लिया था।

ट्रायल कोर्ट ने कहा था कि भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में चिदंबरम और अन्य आरोपियों को बुलाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं।

यह मामला वर्ष 2006 में तमिलनाडु स्थित नेटवर्क कंपनी एयरसेल में मलेशिया स्थित मैक्सिस कंपनी द्वारा किए गए विदेशी निवेश के लिए दी गई FIPB मंजूरी से संबंधित भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों से संबंधित है।

यह आरोप लगाया गया कि तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने 3500 करोड़ रुपये के एयरसेल-मैक्सिस सौदे को मंजूरी देने के लिए रिश्वत ली थी और यह राशि उनके बेटे कार्ति से जुड़ी कंपनियों के माध्यम से भेजी गई।

CBI और ED दोनों ने क्रमशः भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम के तहत लेनदेन के संबंध में मामले दर्ज किए।

ED ने 13 जून, 2018 को शिकायत दर्ज की। CBI ने जुलाई 2018 में आरोप पत्र दायर किया था।

टाइटल: पी चिदंबरम बनाम ED

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