वैवाहिक विवादों में वादियों की ओर से झूठी शिकायतें दर्ज कराना बेहद खराब स्थिति: दिल्ली हाईकोर्ट ने एफआईआर खारिज की
दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा है कि यह "बहुत खराब स्थिति" है कि वादीगण वैवाहिक विवादों में दूसरे पक्ष के खिलाफ झूठी शिकायतें दर्ज कराकर न्यायिक प्रणाली का मजाक उड़ा रहे हैं। जस्टिस अमित महाजन ने कहा, "यह बहुत खराब स्थिति है कि वादीगण वैवाहिक विवादों में दूसरे पक्ष को दबाव में लेने और लाभ उठाने के लिए इतनी गंभीर प्रकृति की झूठी शिकायतें दर्ज कराकर न्यायिक प्रणाली का मजाक उड़ा रहे हैं।"
न्यायालय ने यह टिप्पणी एक पत्नी की ओर से पति और उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ दर्ज कराई गई एफआईआर को रद्द करते हुए की। मामले में दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया था। उनकी शादी 2018 में हुई थी, जिसके अगले साल, पत्नी ने एफआईआर दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि दहेज के लिए उसके साथ क्रूरता की गई। उसने यह भी आरोप लगाया कि उसके देवर ने उसका यौन उत्पीड़न और दुर्व्यवहार करने की कोशिश की।
इसके बाद पति और उसके परिवार के सदस्यों ने समझौते के आधार पर मामले को रद्द करने की मांग करते हुए याचिका दायर की। यह प्रस्तुत किया गया कि पक्षों ने आपसी सहमति से तलाक का आदेश प्राप्त किया था और वे अपना भावी जीवन शांतिपूर्वक जीने का इरादा रखते थे।
मामले को रद्द करते हुए, अदालत ने देखा कि देवर के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप गंभीर प्रकृति का था, लेकिन पत्नी ने कहा कि उस समय सलाह पर एफआईआर दर्ज की गई थी। कोर्ट ने कहा, “…शिकायतकर्ता अपने जीवन में आगे बढ़ चुकी है। ऐसी परिस्थितियों में, कार्यवाही जारी रखने से पक्षों को और अधिक अनुचित उत्पीड़न और नाराज़गी ही होगी”।
केस टाइटल: प्रतीक और अन्य बनाम राज्य एनसीटी ऑफ़ दिल्ली और अन्य