'युवाओं का पूर्ण भ्रष्टाचार': दिल्ली हाईकोर्ट ने डूसू चुनावों के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले उम्मीदवारों के खिलाफ 'कड़ी कार्रवाई' का आदेश दिया

Update: 2024-09-25 12:03 GMT

Delhi University

दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को दिल्ली विश्वविद्यालय से कहा कि वह छात्र संघ चुनाव के दौरान तोड़फोड़ और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले उम्मीदवारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे। न्यायालय ने स्थिति को "आम चुनावों से भी बदतर" बताया।

चीफ जस्टिस मनोनीत न्यायमूर्ति मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने पाया कि प्रथम दृष्टया, चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों द्वारा करोड़ों में खर्च किया गया है। न्यायालय ने कहा कि छात्र संघ चुनाव में इतनी बड़ी राशि का उपयोग छात्रों को "शुरुआत से ही भ्रष्ट" बना रहा है।

कोर्ट ने कहा, "इस चुनाव का क्या फायदा है? यह लोकतंत्र का उत्सव है, धन शोधन का उत्सव नहीं। यहां धन शोधन हो रहा है"।

अदालत अधिवक्ता प्रशांत मनचंदा द्वारा 2017 में दायर की गई याचिका पर विचार कर रही थी, जिसमें सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले उम्मीदवारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी।

याचिका में उन क्षेत्रों के विरूपण को हटाने और नवीनीकरण की भी मांग की गई थी। मनचंदा ने हाल ही में डूसू चुनावों के दौरान हुई तोड़फोड़ और विरूपण के खिलाफ एक नई याचिका दायर की थी।

अदालत ने दिल्ली विश्वविद्यालय से कहा कि या तो सब कुछ ठीक होने तक चुनाव स्थगित कर दिया जाए या उम्मीदवारों को अयोग्य घोषित कर दिया जाए और नए उम्मीदवारों से “चुप रहने” को कहा जाए।

अदालत ने मुख्य चुनाव अधिकारी से भी पूछा, जो अदालत में मौजूद थे, कि छात्र संघ चुनाव में कितना पैसा खर्च किया जा रहा है।

इस मामले की सुनवाई कल दोपहर 2:30 बजे होगी।

केस टाइटलः प्रशांत मनचंदा बनाम यूनियन ऑफ इंडिया और अन्य।

Tags:    

Similar News