जिला आयोग एर्नाकुलम ने एक्स्टेंडेड वारंटी के अंतर्गत कार की सेर्वेसिंग से माना करने के लिए विक्रेता को जिम्मेदार ठहराया

Update: 2023-12-22 10:30 GMT

जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग, एर्नाकुलम (केरल) के अध्यक्ष श्री डीबी बीनू, श्री वी रामचंद्रन (सदस्य) और श्रीमती श्रीविधिया टीएन (सदस्य) की खंडपीठ ने विजन मोटर्स प्राइवेट लिमिटेड को शिकायतकर्ता को एक्स्टेंडेड वारंटी के अंतर्गत कार की सेर्वेसिंग करने से मना करने के लिए जिम्मेदार ठहराया। जिला आयोग ने कहा कि उपस्थिति नोटिस प्राप्त करने के बावजूद विक्रेता द्वारा लिखित बयान दाखिल करने में जानबूझकर विफलता, उसके खिलाफ लगाए गए आरोपों को सही सिद्ध करता है।

पूरा मामला:

शिकायतकर्ता ने मेसर्स विजन मोटर्स प्राइवेट लिमिटेड से होंडा अमेज पेट्रोल कार खरीदी। खरीद के समय, विक्रेता ने शिकायतकर्ता से वारंटी योजना के लिए पैसे लिए जिसकी वैधता 02.10.2022 तक बताई गई। 27.09.2022 को, यानी वारंटी योजना की समाप्ति से 5 दिन पहले, शिकायतकर्ता की कार खराब हो गई। इसलिए, उन्होंने विक्रेता से वारंटी योजना के अंतर्गत सेर्वेसिंग के लिए अनुरोध किया, जिसे अस्वीकार कर दिया गया। विक्रेता ने शिकायतकर्ता को सूचित किया कि समस्या को एक्स्टेंडेड वारंटी योजना के तहत कवर किया जाएगा। हालांकि, मरम्मत करने के बाद, विक्रेता ने 8,100 रुपये का अतिरिक्त भुगतान करने के लिए कहा, यह दावा करते हुए कि एक्स्टेंडेड वारंटी योजना समाप्त हो गई हो चुकी है। शिकायतकर्ता को कार को विक्रेता के सर्विस सेंटर से बाहर ले जाने के लिए उपरोक्त राशि का भुगतान करना पड़ा। इसके बाद, उन्होंने विक्रेता को लीगल नोटिस भेजा लेकिन विक्रेता ने जवाब नहीं दिया। परेशान होकर, शिकायतकर्ता ने जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग, एर्नाकुलम, केरल में विक्रेता के खिलाफ उचित आश्वासन के बावजूद विस्तारित वारंटी योजना से इनकार करने के लिए उपभोक्ता शिकायत दर्ज की।

विक्रेता के तरफ से कोई लिखित दलील नहीं दी गई, इसलिए उसके खिलाफ एक तरफा कारवाई की गई।

आयोग की टिप्पणियां:

जिला आयोग ने कहा किविक्रेता अपनी दलीलों को लिखित रूप में दाखिल करने में विफल रहा, जिससे शिकायतकर्ता के आरोपों खंडन नहीं हुआ। यह विक्रेता के खिलाफ लगाए गए आरोपों की सही सिद्ध करता है।

दस्तावेजी साक्ष्य को देखने और शिकायतकर्ता की गवाही पर विचार करने के बाद, जिला आयोग का विचार था कि विक्रेता मरम्मत के लिए शुल्क लेकर सेवा की कमी और अनुचित व्यापार व्यवहार में लिप्त था, जिसे शुरू में एक्स्टेंडेड वारंटी योजना के तहत कवर करने का वादा किया गया था। इससे शिकायतकर्ता को आर्थिक नुकसान और मानसिक परेशानी हुई।

जिला आयोग ने विक्रेता को एक्स्टेंडेड वारंटी योजना के बावजूद चार्ज की गई राशि वापस करने के लिए 13,000 रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया। मानसिक पीड़ा और शारीरिक कठिनाइयों के मुआवजे के रूप में 10,000 रुपये का अतिरिक्त मुआवजा देने का आदेश दिया। विक्रेता को मुकदमे बाजी की लागत के लिए शिकायतकर्ता को 10,000 रुपये का भुगतान करने का भी निर्देश दिया।

केस टाइटल: बेबी सीसी बनाम मैसर्स विजन मोटर्स प्राइवेट लिमिटेड

केस नंबर: सी.सी. नंबर 11/2023

शिकायतकर्ता के वकील: गीवान टी चार्ल्स

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