छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का बड़ा फैसला : NHAI से ज़मीन अधिग्रहण पर मिला मुआवज़ा टैक्स फ्री

Update: 2025-09-22 08:33 GMT

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण निर्णय देते हुए कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा ज़मीन अधिग्रहण पर दिया गया मुआवज़ा आयकर के दायरे में नहीं आएगा। अदालत ने स्पष्ट किया कि भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापन में निष्पक्ष मुआवज़ा एवं पारदर्शिता अधिकार अधिनियम 2013 (RFCTLARR Act) की धारा 96 के तहत ऐसे मुआवज़े पर न तो आयकर लगेगा और न ही स्टाम्प ड्यूटी।

जस्टिस संजय के. अग्रवाल और जस्टिस संजय कुमार जायसवाल की खंडपीठ ने कहा कि जब मुआवज़ा अधिनियम 2013 के प्रावधानों के अनुसार तय किया जाता है तो उससे मिलने वाले सभी लाभ जिनमें टैक्स और फीस से छूट भी शामिल है, स्वतः लागू होंगे।

मामले में अपीलकर्ता की कृषि भूमि NHAI ने राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम 1956 के तहत अधिग्रहित की थी। आयकर अधिकारी ने मुआवज़े को टैक्स फ्री मानने से इनकार करते हुए कहा कि 1956 का अधिनियम, अधिनियम 2013 की चौथी अनुसूची में शामिल है। इसलिए धारा 96 लागू नहीं होती। यह आदेश अपीलीय आयुक्त (CIT-A) और ITAT ने भी बरकरार रखा।

हाईकोर्ट ने हालांकि पाया कि केंद्र सरकार ने 28 अगस्त, 2015 को आदेश जारी कर यह स्पष्ट किया था कि अधिनियम की पहली दूसरी और तीसरी अनुसूची के प्रावधान चौथी अनुसूची में शामिल सभी अधिनियमों पर लागू होंगे। इसका अर्थ यह हुआ कि मुआवज़े के निर्धारण में अधिनियम 2013 लागू होगा। इसीलिए धारा 96 में दी गई कर छूट भी लागू होगी।

अदालत ने कहा,

“अधिनियम 2013 की धारा 96 में प्रदत्त आयकर, स्टाम्प ड्यूटी और फीस से छूट, 1956 के अधिनियम के तहत अधिग्रहित भूमि पर भी लागू होगी। इसलिए NHAI द्वारा दिए गए मुआवज़े पर कर नहीं लगाया जा सकता।”

इन टिप्पणियों के साथ हाईकोर्ट ने अपील स्वीकार की और टैक्स वसूली ग़ैरकानूनी घोषित की।

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