पश्चिम बंगाल चुनाव बाद हिंसा मामला: राज्य के आरोप NHRC ने कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति के बावजूद खुद का पैनल बनाया, कलकत्ता हाईकोर्ट ने आयोग से जवाब मांगा
कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को राज्य सरकार द्वारा लगाए गए आरोप पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) से जवाब मांगा कि चुनाव के बाद हुई हिंसा की शिकायतों को देखने के लिए तीन सदस्यीय समिति के गठन के न्यायालय के पहले के आदेश के विपरीत पश्चिम बंगाल में पीड़ितों के लिए एनएचआरसी ने 11 सदस्यों की टीम का गठन किया गया।
अदालत ने सुनवाई की पिछली तिथि पर इस आरोप की जांच करने के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था कि पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद की हिंसा के कारण 303 से अधिक पीड़ितों को विस्थापित किया गया है, जो कथित रूप से पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद हुई थी।
न्यायालय ने तीन सदस्यीय समिति का गठन किया। इसमें निम्नलिखित व्यक्ति शामिल है- (i) राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का सदस्य/नामित; (ii) राज्य मानवाधिकार आयोग का सदस्य/नामित; और (iii) सदस्य सचिव, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण।
इसके अलावा, कोर्ट ने 19 अगस्त, 2021 के आदेश के तहत महिलाओं के खिलाफ हत्या, बलात्कार और अपराध से संबंधित मामलों की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी थी, जबकि चुनाव के बाद की हिंसा से संबंधित आपराधिक अन्य मामलों की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया था।
चीफ जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव और जस्टिस राजराशी भारद्वाज की पीठ के समक्ष मंगलवार को राज्य सरकार की ओर से पेश एडवोकेट जनरल एसएन मुखर्जी ने प्रस्तुत किया कि हालांकि अदालत ने 20 अप्रैल, 2022 के आदेश के तहत विस्थापितों के अधिकारों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था। हालांकि 10 मई, 2022 को पश्चिम बंगाल सरकार के मुख्य सचिव द्वारा NHRC के अवर सचिव से प्राप्त संदेश से पता चला है कि न्यायालय द्वारा गठित समिति के जनादेश का विस्तार करके 11 सदस्यों की टीम बनाई गई है।
इसके विपरीत, NHRC के वकील ने प्रस्तुत किया कि न्यायालय के आदेश के अनुसार गठित समिति में निर्देशानुसार तीन सदस्य शामिल हैं। 11 अधिकारियों की टीम का गठन मंत्रालयिक कार्य करने के लिए किया गया है, क्योंकि बड़ी संख्या में शिकायतें प्राप्त हुई हैं।
कोर्ट को आगे बताया गया कि कोर्ट ने तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था, जिसने 11 अधिकारियों की टीम को मंत्रालय के काम में सहायता करने के लिए ऐसा निर्णय लिया था, जैसा कि 11 मई, 2022 को हुई बैठक के कार्यवृत्त से स्पष्ट है।
प्रतिवादी प्रस्तुतियों के अनुसार, कोर्ट ने NHRC की ओर से पेश वकील को राज्य सरकार द्वारा उक्त आरोपों के संबंध में दायर आवेदन पर कल यानी 18 मई तक जवाब दाखिल करने का आदेश दिया।
मामले की अगली सुनवाई 18 मई को होनी है।
केस टाइटल: प्रियंका टिबरेवाल बनाम पश्चिम बंगाल राज्य और अन्य