POCSO केस में पीड़ितों का प्रतिनिधित्व करने के लिए मेहनती वकील नियुक्त करें : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एचसी कानूनी सेवा समिति से कहा

Update: 2022-11-15 15:16 GMT

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाईकोर्ट विधिक सेवा समिति (HC Legal Services Committee) से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है कि POCSO (प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रेन फ्राम सेक्सुअल अफेंसेस एक्ट) के मामलों में पीड़ितों का प्रतिनिधित्व करने के लिए कानूनी सहायता के माध्यम से नियुक्त किए गए वकील मेहनती हों, जो कानून जानते हैं और मामले के तथ्यों में निपुण हों।

जस्टिस अजय भनोट की पीठ ने 8 साल की बच्ची के साथ कथित रूप से बलात्कार करने के लिए POCSO अधिनियम के तहत दर्ज एक व्यक्ति की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट कानूनी सेवा अधिकारियों को निर्देश दिया।

इससे पहले, 30 सितंबर को अदालत ने इस तथ्य पर ध्यान दिया कि पीड़िता का प्रतिनिधित्व अदालत के समक्ष नहीं किया गया था और इस प्रकार, बाल कल्याण समिति (जिला-गोरखपुर) को निर्देश दिया गया था कि वह अपना हलफनामा दाखिल करे, जिसमें यह खुलासा किया जाए कि पीड़िता को कानूनी मदद की जरूरत है या नहीं और POCSO अधिनियम के तहत पीड़ितों को अपेक्षित विभिन्न सहायता दी की गई हैं।

अब 10 नवंबर को हाईकोर्ट कानूनी सेवा समिति के सचिव ने अदालत को सूचित किया कि बाल कल्याण समिति द्वारा POCSO अधिनियम, 2012 के सुरक्षात्मक प्रावधानों के तहत POCSO नियम, 2020 के अनुसार एक वकील नियुक्त करने के लिए एक अनुरोध किया गया था।

अदालत ने हाईकोर्ट कानूनी सेवा प्राधिकरण से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि ऐसे मामलों में मेहनती वकील नियुक्त किए जाएं। इसके साथ ही कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 17 नवंबर की तारीख तय की।

संबंधित समाचारों में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में हाईकोर्ट विधिक सेवा समिति से पीड़ितों का प्रतिनिधित्व करने के लिए महिला वकील नियुक्त करने का अनुरोध किया था , खासकर उन मामलों में जहां पीड़ित नाबालिग लड़कियां हों।

जस्टिस अजय भनोट की पीठ एक पॉक्सो आरोपी की जमानत याचिका पर विचार कर रही थी, जब पीठ ने कहा कि हाईकोर्ट कानूनी सेवा समिति की ओर से बहुत कम महिला वकील पीड़ितों का प्रतिनिधित्व करती हैं।

पीठ ने कहा,

" हाईकोर्ट कानूनी सेवा समिति, हाईकोर्ट इलाहाबाद को पीड़ितों का प्रतिनिधित्व करने के लिए पैनल में रखा गया है। हालांकि, यह देखा गया है कि पीड़ितों के लिए बहुत कम महिला वकील पेश हुई हैं। ऐसी परिस्थितियों में उच्च न्यायालय कानूनी सेवा समिति, हाईकोर्ट इलाहाबाद पीड़ितों का प्रतिनिधित्व करने के लिए महिला वकीलों को नियुक्त करने का अनुरोध किया जाता है, खासकर जब पीड़ित नाबालिग लड़कियां हों।"

केस का शीर्षक - शिवा सिंह बनाम यूपी राज्य और 3 अन्य [CRIMINAL MISC. जमानत आवेदन नं 44072/2022

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