नेशनल लॉकडाउन : पैदल अपने घर लौट रहे प्रवासी मजदूरों के लिए यूपी सरकार बनाएगी आश्रय घर

UP Govt To Set Up Shelter Homes To Keep Travelling Migrant Workers

Update: 2020-03-27 16:44 GMT

उत्तर प्रदेश सरकार ने आश्रय गृह घर बनाने का आदेश दिया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान लोगों की कोई आवाजाही न हो।

श्रमिक के तौर पर काम करने वाले अन्य राज्यों के प्रवासी अपने गांव लौटने के सफर के दौरान उत्तर प्रदेश को पैदल ही पार करने के लिए आगे बढ़ रहे हैं, इसलिए उन्हें इन आश्रय घरों में रखा जाएगा और किसी भी परिस्थिति में उन्हें इस तरह की आवाजाही करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

COVID-19 के प्रकोप में फंसे जिले के लोगों को सुरक्षित करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए यूपी सरकार ने यह घोषणा की है कि वे प्रवासियों की किसी भी आवाजाही को अनुमति नहीं देंगे और और उन्हें आश्रय घरों में रखा जाएगा। जहां उनको स्वास्थ्य सेवा, भोजन और दैनिक आवश्यक की वस्तुएं प्रदान की जाएगी।

25 मार्च की आधी रात से राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लागू होने के तुरंत बाद से बड़ी संख्या में श्रमिक (जो विभिन्न राज्यों में काम करने गए हुए थे ) पैदल ही अपने घरों की तरफ निकल पड़े हैं, जिनके पास न तो आय के साधन हैं और जीवनयापन के लिए भी बहुत सीमित साधन हैं।

पिछले दिनों में पलायन करने वालों की एक भीड़ देखी गई है, जिसमें कई प्रवासी श्रमिक अपने गांवों में जाने के लिए पैदल ही निकल पड़े हैं क्योंकि परिवहन का कोई साधन इस समय उपलब्ध नहीं है। यह आदेश मुख्य रूप से ऐसे पीड़ित श्रमिकों के संबंध में ही दिया गया है।

अपने आदेश में, यूपी सरकार ने इस बात पर चिंता जताई है कि कैसे विभिन्न राज्यों से बड़ी संख्या में आ रहे लोग विभिन्न माध्यमों से उत्तर प्रदेश में प्रवेश कर रहे हैं।

इस आदेश में उत्तर प्रदेश से सटे राज्यों की सरकार के रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा गया है कि इस तरह व्यक्तियों को ''भेजना'' या सीमाओं को पार करने की अनुमति देना केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए लॉकडाउन के नियमों के खिलाफ है।

सरकार ने यह भी आशंका व्यक्त की है कि महामारी के प्रकोप के दौरान इस तरह की आवाजाही के कारण गंभीर स्थिति पैदा हो सकती है और परिणामस्वरूप मामलों में वृद्धि हो सकती है।

इस आदेश में लिखा है

'' वर्तमान में कोई व्यक्ति कहां पर है, इसकी पहचान करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। साथ ही यह बात भी सुनिश्चित करना कि वो वहीं पर रहे, जहां पर है। इसी को सुनिश्चित करने के लिए निराश्रय या अभावग्रस्त लोगों को चिकित्सा और अन्य स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। साथ ही भोजन, आवास और अन्य दैनिक आवश्यकता की वस्तुएं भी दी जाएंगी। इसी उद्देश्य के लिए सामुदायिक रसोई और आश्रय घर स्थापित करने का आदेश दिया गया है।''

यूपी सरकार इसके लिए आस-पास के राज्यों के प्रशासन और पुलिस से भी संपर्क बनाएगी और उनसे भी ऐसे ही कदम उठाने का अनुरोध करेगी। ताकि दूसरे राज्यों में रहने वाले यूपी से जुड़े लोगों को भी उन जिलों में ही रोक दिया जाए,जहां पर वो इस समय हैं और वहां से तब तक आने की अनुमति न दी जाए जब तक लॉकडाउन खत्म नहीं हो जाता है।

आस-पास के राज्यों को यह भी जानकारी दी जाएगी कि यूपी सरकार ने उन लोगों के लिए भोजन, चिकित्सा और रहने की व्यवस्था करने का फैसला किया है जो अन्य राज्यों से हैं और ऐसे आश्रय गृहों में खुद के लिए भोजन की व्यवस्था नहीं कर सकते हैं।

इस बात को बलपूर्वक दोहराया गया है किसी भी परिस्थिति में लोगों को उस जिले से बाहर जाने के लिए कोई छूट नहीं दी जाएगी जहां पर वो इस समय स्थित हैं।

इस आदेश को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए संबंधित जिला अधिकारी ऐसे फॉर्म तैयार करेंगे जिनमें उन सभी व्यक्तियों का विवरण रिकार्ड किया जाएगा, जो ऐसे आश्रय गृहों में रखे जाएंगे। विशेष रूप से उन लोगों का जो अन्य राज्यों से आए हैं। साथ ही कहा गया है कि मुख्य सचिव के प्रमुख कर्मचारी अधिकारी या प्रिंसीपल स्टाफ, ऑफिसर को इस संबंध में प्रतिदिन की जानकारी दी जाए।   

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