यूएपीए- दिल्ली कोर्ट ने कथित टेरर फंडिंग मामले में खुर्रम परवेज और अन्य की न्यायिक हिरासत 40 दिन के लिए बढ़ाई
दिल्ली की एक अदालत ने कथित टेरर फंडिंग मामले में मानवाधिकार कार्यकर्ता खुर्रम परवेज और दो अन्य मुनीर अहमद कटारिया और अर्शीद अहमद टोंच की न्यायिक हिरासत 40 दिनों के लिए और बढ़ा दी।
तीनों आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120बी, 121, 121ए और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की धारा 17, 18, 18बी, 38 और 40 के तहत आरोप लगाए गए हैं।
स्पेशल एनआईए जज परवीन सिंह ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा दायर आवेदन को आंशिक रूप से स्वीकार कर लिया। इसमें आरोपी व्यक्तियों की न्यायिक हिरासत 90 दिनों के लिए बढ़ाने की मांग की गई थी।
न्यायाधीश ने आदेश दिया,
"आवेदन तदनुसार आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है कि जांच के उद्देश्य से आरोपी मुनीर अहमद कटारिया, अर्शीद अहमद टोंच और खुर्रम परवेज की हिरासत को 90 दिनों की अवधि से आगे 40 दिन और बढ़ा दिया गया है।"
परवेज को पिछले साल 22 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था, जबकि मुनीर अहमद और अर्शीद अहमद को क्रमश: 16 और 18 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था
हालांकि कहा गया कि एनआईए द्वारा मांगी गई 90 दिनों की अवधि का विस्तार नहीं दिया जा सकता।
कोर्ट ने कहा,
"जिन उद्देश्यों के लिए यह आवेदन दायर किया गया है, अगर जांच एजेंसी अपनी जांच में तेजी लाती है तो जांच को पहले समाप्त करना संभव हो सकता है।"
यह अभियोजन पक्ष का मामला कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर ई-तैयबा (एलईटी) ने भारत के विभिन्न हिस्सों में अपनी आतंकवादी गतिविधियों की योजना और उसे पूरा करने में सहायता करने के लिए गुर्गों का एक व्यापक नेटवर्क स्थापित किया था।
यह आरोप लगाया गया कि आरोपी मुनीर अहमद, अर्शीद अहमद और जफर भारत के विभिन्न राज्यों में लश्कर-ए-तैयबा के गुर्गों को भर्ती कार्यक्रम का एक नेटवर्क चला रहे थे। साजिश के तहत आरोपी कथित रूप से अपने विदेश स्थित आकाओं के संपर्क में थे और उनके निर्देश पर महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों, सुरक्षा बलों के साथ-साथ आतंकवादी हमलों को शुरू करने के लिए टारगेट स्थानों की पहचान पर खुफिया जानकारी एकत्र करने में लगे हुए थे।
आगे यह आरोप लगाया गया कि जांच के दौरान, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, बिहार, जम्मू और कश्मीर और पश्चिम बंगाल में विभिन्न स्थानों पर तलाशी ली गई और आपत्तिजनक दस्तावेज और वस्तुएं जब्त की गईं और गिरफ्तारियां की गईं।
एनआईए का मामला है कि जांच के दौरान खुलासा हुआ कि आरोपी मुनीर अहमद और अर्शीद अहमद टोंच ने पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और कर्नाटक में विभिन्न लोगों से रुपए लिए।
आगे यह भी प्रस्तुत किया गया कि जांच के दौरान, पता चला कि विभिन्न व्यक्तियों के नाम पर बड़ी संख्या में फर्जी बैंक खाते बनाए जा रहे थे।
खुर्रम परवेज की ओर से अधिवक्ता तनवीर अहमद मीर, प्रभाव राली और सऊद खान पेश हुए। मुनीर की ओर से एडवोकेट तमन्ना पंकज और अर्शीद की ओर से एडवोकेट अपर्णा शर्मा पेश हुईं। एनआईए की ओर से विशेष लोक अभियोजक राहुल त्यागी पेश हुए।