एलपीजी सिलेंडरों का परिवहन पब्लिक यूटिलिटी सर्विस: केरल हाईकोर्ट ने हड़ताल पर रोक लगाई
केरल हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एलपीजी सिलेंडरों के परिवहन को 'सार्वजनिक उपयोगिता सेवा' घोषित करते हुए, जैसा कि औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 की धारा 2 (एन) में परिभाषित किया गया है, कन्नूर जिला ईंधन कर्मचारी संघ के सदस्यों द्वारा प्रस्तावित हड़ताल पर रोक लगा दी।
यह माना गया कि ऐसी जनोपयोगी सेवा में कार्यरत कोई भी व्यक्ति सुलह अधिकारी के समक्ष सुलह की कार्यवाही के लंबित रहने के दौरान और ऐसी कार्यवाही के समापन के सात दिन बाद हड़ताल पर नहीं जा सकता है।
जस्टिस मुरली पुरुषोत्तमन ने यह देखते हुए कि चूंकि मौजूदा मामले में सुलह की कार्यवाही लंबित थी, और चूंकि धारा 22 ऐसी किसी भी सुलह की कार्यवाही के लंबित रहने के दौरान हड़ताल और तालाबंदी पर रोक लगाती है, इसलिए 22 और 23 अगस्त, 2022 को प्रस्तावित हड़ताल पर या उपरोक्त कार्यवाही के लंबित रहने के दरमियान बाद की अवधि में किसी हड़ताल पर रोक लगाने के लिए एक अंतरिम आदेश जारी किया।
मौजूदा मामले में शामिल याचिकाकर्ताओं का एलपीजी सिलेंडर परिवहन का व्यवसाय है।
याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकील ने यह प्रस्तुत किया कि 22.08.2022 से 48 घंटे के लिए प्रस्तावित हड़ताल से एचपीसीएल के मैंगलोर के बॉटलिंग प्लांट से केरल में विभिन्न वितरकों तक एलपीजी सिलेंडरों का परिवहन बाधित होगा।
अदालत ने इस तथ्य पर ध्यान दिया कि 24.06.2022 को एक सुलह बैठक बुलाई गई थी, जिसे बाद की तारीख के लिए स्थगित कर दिया गया था। याचिकाकर्ताओं का तर्क था कि प्रस्तावित हड़ताल औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 की धारा 22(1) के उल्लंघन कारण अवैध है और इस आधार पर इसे रोकने के लिए अंतरिम आदेश की मांग की गई थी।
इसी आलोक में उक्त अंतरिम आदेश जारी किया गया था।
केस टाइटल: श्री शिवबलन ट्रांसपोर्ट्स एंड अन्य बनाम हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड और अन्य।
साइटेशन: 2022 लाइव लॉ (केरल) 449