सुप्रीम कोर्ट के वकील और मानवाधिकार रक्षक एहतेशाम हाशमी का गुरुवार को सुबह दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। हाशमी को कई मानवाधिकार मुद्दों को उठाने के लिए जाना जाता था।
उन्होंने 2021 में एक टीम का नेतृत्व किया जिसने त्रिपुरा में सांप्रदायिक हिंसा के बारे में एक फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट प्रकाशित की जिसने राज्य को हिलाकर रख दिया था। रिपोर्ट प्रकाशित होने पर त्रिपुरा पुलिस ने हाशमी पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया । बाद में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि उनके खिलाफ गिरफ्तारी सहित कोई भी कठोर कदम नहीं उठाया जाना चाहिए।
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका (पीआईएल) भी दायर की थी जिसमें इंटरनेट शटडाउन को "असंवैधानिक, अवैध और अप्रवर्तनीय" घोषित करने की मांग की गई थी। याचिका में भारत में मनमाने ढंग से इंटरनेट बंद करने पर रोक लगाने की मांग की गई थी, खासकर सीएए विरोधी प्रदर्शनों की पृष्ठभूमि में।
उनके निधन पर कई वकीलों, पत्रकारों और कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर शोक व्यक्त किया।
Adv Ehtesham Hashmi was always ready to fight for poor, victims of violence & after any incident of violation of rights, he'd take up the case.
— Shams Ur Rehman Alavi شمس (@indscribe) February 9, 2023
I recall how he went to NE or Ujjain and regions around when there was violence. The news of his demise is shocking.#Sagar #Lawyer pic.twitter.com/yytn1mv2YW
Rest in power Ehtesham Hashmi ji.
— Satyam Chaturvedi (@SatyamC51234056) February 9, 2023
The demise of Ehtesham ji is really heart breaking. @ehteshamhashmi2 pic.twitter.com/ycpmzHb2zt