सुप्रीम कोर्ट ने सात पूर्व मुख्य न्यायाधीश/न्यायाधीशों और 18 अधिवक्ताओं/एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड को सीनियर एडवोकेट डेसिग्नेशन दिया

Update: 2021-12-11 13:14 GMT

भारत के सुप्रीम कोर्ट ने अधिसूचित किया है कि हाईकोर्ट के सात पूर्व मुख्य न्यायाधीशों/न्यायाधीशों और 18 अधिवक्ताओं/एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड को 8 दिसंबर, 2021 से सीनियर एडवोकेट (वरिष्ठ अधिवक्ता) के रूप में नामित किया है।

भारत के मुख्य न्यायाधीश और सुप्रीम कोर्ट के जजों ने 8 दिसंबर 2021 को हुई फुल कोर्ट मीटिंग में यह निर्णय लिया।

इस संबंध में सीनियर एडवोकेट डेसिग्नेशन कमेटी के सचिव द्वारा सभी हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल, सेक्रेट्री, बार काउंसिल ऑफ इंडिया और सभी राज्य बार काउंसिल के सचिवों को पत्र लिखा गया है।

इस पत्र के अनुसार, अधिवक्ता अधिनियम की धारा 16 (2), सुप्रीम कोर्ट नियम 2013, और सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के तहत सीनियर एडवोकेट डेसिग्नेशन 2018 पारित करने के मामले में इंदिरा जयसिंह बनाम सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया के मामले को रेफेरेंस बनाया गया।

हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीशों/न्यायाधीशों को सीनियर एडवोकेट के रूप में नामित किया गया :

जस्टिस जे एन भट्ट

जस्टिस सुरेंद्र कुमार

जस्टिस एस के गंगेले

जस्टिस विनोद प्रसाद

जस्टिस एल नरसिम्हा रेड्डी

जस्टिस ए.आई.एस. चीमा

जस्टिस नौशाद अली

एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड / सीनियर एडवोकेट के रूप में नामित अधिवक्ता:

श्री रवि प्रकाश मेहरोत्रा,

श्री एस नरसिम्हा भट,

डॉ कृष्ण सिंह चौहान,

श्री विश्वजीत सिंह,

श्री देवेंद्र नाथ गोबरधुन,

श्री विजय पंजवानी,

श्री प्रदीप कुमार डे,

श्री अन्नाम डीएन राव,

सुश्री रचना श्रीवास्तव,

श्री अनिल कुमार संगल,

श्री राजीव नंदा,

श्री अरुणाभ चौधरी,

श्री रवींद्र कुमार,

श्री विजय कुमार,

श्री मनोज गोयल,

श्री यादवल्ली प्रभाकर राव,

श्री जी उमापति और

श्री पी निरूप

अधिसूचना डाउनलोड करें



Tags:    

Similar News