सुब्रमण्यम स्वामी ने निजी आवास में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था करने में केंद्र की 'विफलता' को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया
पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख करते हुए दावा किया कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजधानी में उनके निजी आवास पर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने में विफल रही। हाल ही में उन्हें अपने सरकारी आवास को अधिकारियों को सौंपने का निर्देश दिया गया।
चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष याचिका का उल्लेख किया गया और इसे सोमवार को सूचीबद्ध करने की अनुमति दी गई।
सीनियर एडवोकेट जयंत मेहता ने प्रस्तुत किया कि स्वामी 26 अक्टूबर तक सरकारी आवास छोड़ने के लिए सहमत हो गए, जब केंद्र द्वारा अदालत के समक्ष वचन दिया गया कि यह सुनिश्चित करेगा कि उनके निजी आवास पर सभी पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की जाए।
हालांकि, यह प्रस्तुत किया गया कि ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की गई।
स्वामी को केंद्र द्वारा जेड श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई है। उनको 15 जनवरी, 2016 को पांच साल की अवधि के लिए सरकारी आवास आवंटित किया गया था। लुटियंस दिल्ली में बंगला उन्हें खतरे की आशंका के कारण आवंटित किया गया था।
स्वामी तब राज्यसभा के सदस्य बने, जिसका कार्यकाल इस साल 24 अप्रैल को समाप्त हो गया। जब स्वामी उच्च सदन के सदस्य के रूप में सेवा कर रहे थे, तब भी सरकारी आवास उनके पास बना रहा, भले ही आवंटन अंततः समय के प्रवाह के साथ समाप्त हो गया था। राज्यसभा सांसद के रूप में उनका कार्यकाल समाप्त होने के बाद उन्हें हाल ही में परिसर खाली करने के लिए कहा गया।
स्वामी ने तब हाईकोर्ट का रुख किया। उन्होंने तर्क दिया गया कि सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए उन्हें जेड श्रेणी की सुरक्षा की आवश्यकता है, इसलिए जो आवास मूल रूप से उन्हें आवंटित किया गया था, उसे उनके पक्ष में जारी रखा जाना चाहिए।
जस्टिस यशवंत वर्मा ने 14 सितंबर को स्वामी की याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि मूल आवंटन पांच साल की अवधि के लिए किया गया, जो अब समाप्त हो गया। स्वामी द्वारा कोई भी सामग्री नहीं दिखाई गई, जो सरकारी आवास के आवंटन में जेड श्रेणी की सुरक्षा की आवश्यकता हो सकती है।
दूसरी ओर, केंद्र की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने प्रस्तुत किया कि स्वामी का अपना आवासीय परिसर है, जिसमें वह स्थानांतरित हो सकते हैं। संबंधित सुरक्षा एजेंसियां स्वामी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उक्त परिसर में सभी कदम उठाएंगी।
इसलिए, एकल न्यायाधीश ने कहा कि अधिकारियों द्वारा जो कुछ किया जाना बाकी है, वह यह सुनिश्चित करना होगा कि स्वामी के निजी आवास पर पर्याप्त व्यवस्था की जाए ताकि उनकी सुरक्षा सुरक्षित रहे।