इग्नू के अंडरग्रेजुएट कोर्स में सोशल वर्क की पढ़ाई करने वाले कैदियों की जेल के भीतर ही ट्रेनिंग सुनिश्चित करें: दिल्ली हाईकोर्ट ने डीजी (कारागार) से कहा
दिल्ली हाईकोर्ट ने तिहाड़ जेल के डायरेक्टर जनरल (कारागार) से इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त यूनिवर्सिटी (इग्नू) से सोशल वर्क में ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहे कैदियों के लिए शीघ्र व्यावहारिक ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू करने को कहा।
जस्टिस मुक्ता गुप्ता और जस्टिस अनीश दयाल की खंडपीठ ने डायरेक्टर जनरल (जेल) से यह देखने का अनुरोध किया कि उपयुक्त प्रोग्राम तैयार किया जाए ताकि कैदियों द्वारा किए जा रहे कोर्स में फील्ड वर्क या व्यावहारिक ट्रेनिंग की आवश्यकताओं को जेल के अंदर पूरा किया जा सके।
अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख 28 नवंबर से पहले डीजी (जेल) से रिपोर्ट मांगी है।
यह आदेश 24 वर्षीय व्यक्ति करण द्वारा दायर अपील में पारित किया गया, जिसने 2017 के हत्या के मामले में अपनी दोषसिद्धि और सजा को चुनौती दी है।
अपनी अपील में 2020 से लंबित है। इसी करण हाल ही में इग्नू से बैचलर ऑफ सोशल वर्क के पहले सेमेस्टर के अनिवार्य व्यावहारिक ट्रेनिंग के लिए पांच सप्ताह की अवधि के लिए सजा के अंतरिम निलंबन की मांग करते हुए आवेदन दायर किया।
उच्चाधिकार प्राप्त समिति द्वारा 2020 में की गई सिफारिशों के अनुसार करण को निचली अदालत ने अंतरिम जमानत दे दी। उसकी सजा को भी इस साल जुलाई में हाईकोर्ट ने 35 दिनों की अवधि के लिए निलंबित कर दिया। हालांकि, सजा के निलंबन के विस्तार का उसका आवेदन खारिज कर दिया गया।
अदालत ने पहले तिहाड़ जेल के अधीक्षक को निर्देश दिया कि वे इग्नू के स्कूल ऑफ सोशल वर्क के निदेशक के साथ मिलकर प्रोग्राम तैयार करें ताकि छात्र जेल परिसर के भीतर ही फील्ड वर्क या व्यावहारिक ट्रेनिंग ले सकें।
बेंच को 9 नवंबर को बताया गया कि फील्ड वर्क/व्यावहारिक प्रशिक्षण को पूरा करने के लिए क्षेत्रीय अधिकारी दिल्ली-3 के परामर्श से जेल अधिकारियों/कल्याण अधिकारी की मदद से कार्यक्रम तैयार किया जाना है।
केस टाइटल: करण बनाम राज्य
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