कारोबार में मंदी किराये का भुगतान नहीं करने का कारण नहीं हो सकता, पढ़िए अदालत का फैसला

Update: 2019-08-08 05:04 GMT

हाईकोर्ट ने कहा है कि व्यवसाय में मंदी किराया नहीं चुकाने का कारण नहीं हो सकता। अदालत ने इस बारे में चंडीगढ़ प्रशासन की अपील पर सुनवाई के बाद यह कहा। प्रशासन ने उसके आवंटी को दिए गए राहत के आदेश के ख़िलाफ़ अपील की थी।

हरी राम को चंडीगढ़ प्रशासन ने चंडीगढ़ के नम्बर 254, सेक्टर 20D में कुल ₹70,500 में 99 साल के लीज़ पर 26.12.1996 को एक बूथ का आवंटन हुआ था। चूँकि वह पहली, दूसरी और तीसरी किश्त और ग्राउंड रेंट चुका नहीं पाया सो उसका लीज़ रद्द कर दिया गया। उसके ख़िलाफ़ सार्वजनिक परिसर (अनधिकृत निवासी बेदख़ली) अधिनियम की धारा 5(1) के तहत बेदख़ली का आदेश पास किया गया।

बाद में हाईकोर्ट ने अपीलकर्ता के ख़िलाफ़ जारी बेदख़ली के इस आदेश को ख़ारिज कर दिया और आदेश दिया कि उसने जो ₹40,000 जमा किए हैं वह राशि प्रतिवादी को वापस कर दिया जाए ताकि वह बूथ का शेष बक़ाया किराया चुका सके।

सुप्रीम कोर्ट की न्यायमूर्ति आर बनुमती और एएस बोपन्ना की पीठ ने हाईकोर्ट के फ़ैसले ख़ारिज कर दिया और छह महीने के भीतर ₹10,25,950/- जमा करने को कहा और प्रशासन को निर्देश दिया कि वह उसको इस बूथ के आवंटन की पुष्टि करे। अगर वह छह महीने में यह राशि नहीं जमा कर पाता है तो अपीलकर्ता प्रशासन क़ानून के अनुरूप उसे इस बूथ से बेदख़ल कर सकता है।


     

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