फ्रैंकलिन टेम्पलटन: सुप्रीम कोर्ट ने ऋण कोष बंद करने के मामलों को गुजरात, मद्रास और दिल्ली हाईकोर्ट से कर्नाटक हाईकोर्ट में ट्रांसफर किया
सुप्रीम कोर्ट ने फ्रैंकलिन टेम्पलटन के ऋण कोष को समाप्त करने को लेकर लंबित याचिकाओं को गुजरात, मद्रास और दिल्ली उच्च न्यायालयों से कर्नाटक उच्च न्यायालय में ट्रांसफर करने के आदेश दिए हैं।
जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर की पीठ ने 19 जून को कहा,
"मामलों को संबंधित उच्च न्यायालयों द्वारा 15 दिनों के भीतर कर्नाटक के उच्च न्यायालय में प्रेषित किया जाए। कर्नाटक उच्च न्यायालय को सुनवाई करने दें और तीन महीने के भीतर सेबी की अपील सहित मामले को तय करने दें।"
शीर्ष अदालत ने कर्नाटक के मुख्य न्यायाधीश से अनुरोध किया है कि वे एक डिवीजन बेंच में मामलों को खुद सुनें।
फ्रेंकलिन टेम्पलटन द्वारा दायर की गई स्थानांतरण याचिका में यह आदेश आया, जिसमें ऋण कोष के समापन के संबंध में दायर विभिन्न याचिकाओं को समेकित करने की मांग की गई थी।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाईकोर्ट के 8 जून के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया, जिसने समापन के लिए ई-मतदान प्रक्रिया को रोक दिया था।
दरअसल अप्रैल ने कम फ्रैंकलिन टेम्पलटन ने कम नकदी का हवाला देते हुए छह ऋण कोष को बंद करने के अपने फैसले की घोषणा की। इस फैसले से लगभग तीन लाख निवेशकों के प्रभावित होने का अनुमान है।
कर्नाटक हाईकोर्ट को हस्तांतरित किए जाने के मामले निम्नलिखित हैं:
• मद्रास उच्च न्यायालय के समक्ष दायर
मैसर्स चेन्नई फाइनेंशियल मार्केट्स एंड एकाउंटेबिलिटी बनाम सेबी और अन्य, डब्ल्यू.पी. 7744/2020
• अरीज़ फ़िरोज़शा कंबाटा और अन्य बनाम सेबी और अन्य में गुजरात उच्च न्यायालय के समक्ष दायर सिविल एप्लीकेशन नंबर 7201/ 2020
• अमृता गर्ग (पूर्व में अमृता नरेंद्र निकम) बनाम भारत संघ और अन्य में दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष दायर डब्ल्यू.पी. (सिविल) 3366/2020
• मैसर्स चेन्नई फाइनेंशियल मार्केट्स एंड एकाउंटेबिलिटी बनाम अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, मद्रास उच्च न्यायालय के समक्ष दायर CRL OP नं 8660/2020।
• सेबी बनाम फ्रेंकलिन टेम्पलटन ट्रस्टी सर्विसेज प्रा लिमिटेड में गुजरात उच्च न्यायालय के समक्ष दायर LPA नंबर 311/2020 का SCA नंबर 7201/2020
• LPA नंबर 311/2020 - सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज एंड बोर्ड ऑफ इंडिया बनाम फ्रैंकलिन टेम्पलटन ट्रस्टी सर्विसेज़ प्राइवेट लिमिटेड और अन्य।