कॉलेजिमय सिफारिश के 27 माह बाद एडवोकेट अरुण कुमार की नियुक्ति को मिली मंजूरी, इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज बनेगे
केंद्र सरकार ने सोमवार को एडवोकेट अरुण कुमार की नियुक्ति को मंजूरी दी। वह अब इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज बनेंगे।
उल्लेखनीय है कि यह नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की 9 मई 2023 की सिफारिश के लगभग 27 महीने बाद हुई।
एडवोकेट की फाइल लंबे समय तक केंद्र सरकार के पास लंबित रही, जिसके चलते उनकी पदोन्नति में देरी हुई।
यह मामला कोई अपवाद नहीं है। सुप्रीम कोर्ट कई बार केंद्र सरकार द्वारा कॉलेजियम की सिफारिशों पर कार्रवाई में देरी को लेकर चिंता जता चुका है। कुछ सिफारिशें वर्ष 2019 से लंबित हैं, जबकि कॉलेजियम ने उन्हें 2021 और 2022 में पुनः दोहराया था।
24 जुलाई 2025 को हुई सुनवाई में चीफ जस्टिस बी.आर. गवई ने मौखिक रूप से कहा था कि कॉलेजियम इस मुद्दे पर प्रशासनिक स्तर पर लगातार प्रयास कर रहा है। यह टिप्पणी उस समय आई, जब सीनियर एडवोकेट अरविंद दातार और एडवोकेट प्रशांत भूषण ने अदालत में यह मुद्दा उठाया। उनका तर्क था कि ऐसी देरी से वकीलों की वरिष्ठता प्रभावित होती है। कई बार वे अपनी सहमति भी वापस ले लेते हैं।
हाल ही में एडवोकेट राजेश दातार (बॉम्बे हाईकोर्ट) और श्वेताश्री मजूमदार (दिल्ली हाईकोर्ट) ने नियुक्ति में देरी के कारण जज बनने की सहमति वापस ले ली थी।