"छह साल से सैलरी नहीं बढ़ी" : कलकत्ता हाईकोर्ट के लॉ क्लर्कों ने अपना वेतन बढ़ाने के लिए मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा
कलकत्ता हाईकोर्ट के विधि लिपिक-सह-अनुसंधान सहायकों (Law Clerks-cum-Research Assistants) ने मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव को पत्र लिखकर सैलरी स्ट्रक्चर बढ़ाने की मांग की है।
पत्र में कहा गया है कि आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में भारी वृद्धि हो रही है और उन्हें महंगाई में छूट के माध्यम से कुछ भी प्राप्त नहीं होता है।
पत्र में यह भी रेखांकित किया गया कि कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों के रूप में उन्हें अपने वेतन पर ही गुज़ारा करना होगा जो पिछले 6 वर्षों से स्थिर है।
यह ध्यान दिया जा सकता है कि कलकत्ता हाईकोर्ट में विधि लिपिक-सह-अनुसंधान सहायकों के लिए सैलरी स्ट्रक्चर वर्तमान में 35,000 रुपये प्रति माह है।
पत्र में कहा गया,
"यौर लॉर्डशिप अच्छी तरह से जानते हैं कि आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में भारी वृद्धि हो रही है और हमें महंगाई छूट के माध्यम से कुछ भी प्राप्त नहीं होता है। संविदा कर्मचारियों के रूप में हमें केवल अपने वेतन पर रहना पड़ता है जो पिछले छह वर्षों से एक समान बना हुआ है।"
मुख्य न्यायाधीश को पत्र में दिल्ली और राजस्थान में लॉ क्लर्क कम रिसर्चर असिस्टेंट के सैलरी स्ट्रक्चर के उदाहरण भी देकर वेतनमान में संशोधन पर विचार करने का आग्रह किया गया।
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