'अफसोस है कि मैं उस सामंती संस्कृति को पूरी तरह से नष्ट नहीं कर सका, जिसमें आप काम करते हैं': विदाई संदेश में मद्रास हाईकोर्ट स्टाफ से जस्टिस संजीब बनर्जी ने कहा

Update: 2021-11-17 14:44 GMT

मद्रास हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजीब बनर्जी ने मेघालय हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में कार्यभार संभालने के लिए आज चेन्नई छोड़ दिया। केंद्र ने 15 नवंबर को स्‍थानांतरण की अधिसूचना जारी की थी। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने स्थानांतरण की सिफारिश 16 सितंबर को आयोजित बैठक में की थी। हालांकि, इस आशय की अधिसूचना 9 नवंबर को प्रकाशित हुई थी। अधिसूचना के प्रकाशन में हुए विलंब के बाद स्‍थानांतरण के इरादे पर संदेह जताया जा रहा है।

चीफ जस्टिस बनर्जी को 4 जनवरी को मद्रास हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में नियुक्त किया गया था। वह मूल रूप से कलकत्ता हाईकोर्ट से हैं। उन्होंने अपने संक्षिप्त कार्यकाल में कई उल्लेखनीय हस्तक्षेप किए और लगातार अधिकारियों की जवाबदेही तय करने के प्रयास किया। उन्होंने COVID-19 प्रबंधन से संबंधित मामलों में केंद्र सरकार की तीखी आलोचना भी की है।

जस्टिस बनर्जी ने मद्रास हाईकोर्ट की कानूनी बिरादरी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए एक पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने उन्हें 'परिवार' के रूप में संबोधित किया है और उन्हें व्यक्तिगत रूप से अलविदा नहीं कहने के लिए माफी मांगी।

पत्र में उन्होंने लिखा है, "मद्रास हाईकोर्ट का मेरा प्यारा परिवार, बेंच में मेरे सहयोगियों: मैं क्षमा चाहता हूं...व्यक्तिगत रूप से आपको अलविदा न कहने के लिए।"

जो उनके कार्यों या शब्दों से आहत महसूस कर सकते है, पत्र में उन लोगों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा है-

"आप में से कुछ लोगों के लिए जिन्होंने मेरे किसी भी कार्य से आहत महसूस किया होगा, कृपया जान लें कि मेरे कार्य कभी भी व्यक्तिगत नहीं थे, मैंने उन कार्यों को संस्था के लिए आवश्यक माना।"

बार के सदस्यों के लिए संदेश

"बार के सदस्यों, आप देश के सर्वश्रेष्ठ लोगों में से हैं और अधिक धैर्य, सम्मान और समझ के साथ आपने एक बातूनी और कभी-कभी क्रोधी बूढ़े जज का सामना किया है..। आपके शब्दों के लिए मेरी कृतज्ञता।"

रजिस्ट्री के लिए संदेश

" मेरी रजिस्ट्री के लिए: आपकी दक्षता ने प्रशासन को आसान बना दिया। मैं उस ईमानदारी को भी स्वीकार करता हूं जो आपने सिस्टम और प्रक्रियाओं में सुधार और बेहतर करने के लिए दिखाई है। कृपया पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के लिए अपना प्रयास जारी रखें।"

कर्मचारियों के लिए संदेश

"सभी कर्मचारियों के लिए: मुझे खेद है कि आपको मेरे लिए लंबे समय तक रुकना पड़ा। मैं आपके पूर्ण सहयोग की सराहना करता हूं। मेरा खेद है कि मैं उस सामंती संस्कृति को पूरी तरह से ध्वस्त नहीं कर सका, जिसमें आप काम करते हैं।"

पत्र में चीफ जस्टिस बनर्जी ने कहा कि वह और उनकी पत्नी उनके कार्यकाल के दौरान मिली मेहरबानी और गर्मजोशी के लिए आभारी हैं। पत्र के अंत में उन्होंने लिखा है, "नंदारी, वनक्कम। उन्होंने 'धन्यवाद' और 'सम्मान' के लिए तमिल शब्दों का इस्तेमाल किया है।

उल्लेखनीय है कि चीफ जस्टिस बनर्जी का स्थानांतरण आक्रोश का विषय रहा है क्योंकि इसे ' दंडात्मक स्थानांतरण ' माना जा रहा है। हाल ही में मद्रास हाईकोर्ट के 200 से अधिक अधिवक्ताओं ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमाना और कॉलेजियम के अन्य चार सदस्यों को पत्र लिखकर चीफ जस्टिस बनर्जी को स्थानांतरित करने के आकस्मिक निर्णय पर अपनी पीड़ा व्यक्त की है।

मद्रास बार एसोसिएशन ने भी एक प्रस्ताव पारित किया है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम से चीफ जस्टिस संजीब बनर्जी को मेघालय हाईकोर्ट में स्थानांतरित करने की सिफारिश पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया गया है।

मद्रास हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजीब बनर्जी को मेघालय हाईकोर्ट में स्थानांतरित करने के सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के फैसले के साथ 'गहरी चिंता और निराशा' व्यक्त करते हुए, न्यायिक जवाबदेही और सुधार के लिए अभियान (सीजेएआर) ने भी कॉलेजियम को निर्णय वापस लेने की मांग की है।

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