राजस्थान हाईकोर्ट ने 'केजीएफ-2' फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने से इनकार करने वाले एकल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ याचिका खारिज की
राजस्थान हाईकोर्ट, जयपुर बेंच ने केजीएफ-2 फिल्म और उसके टीज़र के प्रदर्शन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग वाली याचिका पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया।
फिल्म 14 अप्रैल, 2022 को रिलीज होने वाली है।
याचिकाकर्ता तसलीम अहमद खान ने एकल न्यायाधीश द्वारा पारित एक आदेश दिनांक 31.01.2021 के खिलाफ अपील दायर की थी। इसमें फिल्म के खिलाफ रिट याचिका में नोटिस जारी करते हुए अंतरिम रोक से इनकार कर दिया था।
अपीलकर्ता मुख्य रूप से कुछ दृश्यों से व्यथित है। इसमें अभिनेताओं को सिगरेट पीते हुए दिखाया गया है। तर्क दिया गया कि भारत सरकार द्वारा बनाए गए नियमों और विनियमों के अनुसार इसकी अनुमति नहीं है।
चीफ जस्टिस अकील कुरैशी और जस्टिस सुदेश बंसल की खंडपीठ ने कहा,
"इन मुद्दों पर और विचार करने की आवश्यकता है और अंतरिम चरण में इससे निपटा नहीं जा सकता है। इसलिए, एकल न्यायाधीश ने फिल्म पर रोक न लगाकर सही किया। हमें अपील में कोई योग्यता नहीं दिखती। इसे खारिज किया जाता है।"
अदालत ने यह देखते हुए कि याचिका जनहित याचिका की प्रकृति में दायर की गई है, टिप्पणी की कि वह यह समझने में विफल रही कि इसे एकल पीठ के समक्ष कैसे रखा गया।
अदालत ने आदेश दिया कि याचिकाकर्ता द्वारा संकलन के दूसरे सेट की आपूर्ति के बाद इसे डिवीजन बेंच के समक्ष रखा जाए।
अदालत ने पाया कि याचिकाकर्ता कुछ टीज़र और उत्तरदाताओं द्वारा निर्मित और प्रदर्शित फिल्म के प्रदर्शन पर आपत्ति करता है, अर्थात् होम्बले फिल्म्स, केजीएफ -2 के निदेशक और लेखक यानी प्रशांत नील और अभिनेता-यश @ नवीन कुमार गौड़ा इस आधार पर कि वही कुछ दृश्यों को दर्शाता है जिसमें अभिनेताओं को सिगरेट पीते हुए दिखाया गया है।
याचिका में कहा गया,
"इस प्रकार के उपयुक्त रिट निर्देश या आदेश जारी करके माननीय कोर्ट होमेबल फिल्म्स की फिल्म केजीएफ 2 पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की कृपा करें और प्रतिवादियों को निर्देशक और निर्माता तक सीमित रखते हुए फिल्म केजीएफ 2 की सार्वजनिक प्रदर्शनी को विनियमित करने के लिए फिल्म पर रोक लगाई जाए।"
वर्तमान याचिका में सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध और व्यापार और वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति और वितरण के नियमन) नियम, 2004 के तहत नियमों के कड़ाई से अनुपालन के लिए केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के अध्यक्ष-प्रतिवादी को निर्देश देने की भी प्रार्थना की गई।
इसके अतिरिक्त, अदालत के समक्ष दायर याचिका के अनुसार, याचिकाकर्ता ने केजीएफ -2 के ट्रेलर पर प्रतिबंध लगाने की भी मांग की, क्योंकि यह सिनेमैटोग्राफी अधिनियम, 2003 का उल्लंघन है।
निजी प्रतिवादियों के वकील ने प्रस्तुत किया कि इस तरह के दृश्य पूरी तरह प्रतिबंधित नहीं है, केवल आवश्यकता यह है कि वैधानिक चेतावनी को फ्लैश किया जाए।
मामले की अगली सुनवाई 15.03.2022 को होगी।
सलाह कलीम अहमद खान और अपीलार्थी की ओर से वकील गीतेश जोशी उपस्थित हुए, जबकि एडवोकेट विनीत ढांडा व एडवोकेट प्रतिवादियों की ओर से सचिन मेहता उपस्थित हुए।
केस शीर्षक: तसलीम अहमद खान बनाम भारत संघ
साइटेशन: 2022 लाइव लॉ (राजस्थान) 74
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