पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने वकील पर काम से दूर रहने के लिए एक हजार रूपये का जुर्माना लगाया

Update: 2021-08-26 05:25 GMT

Punjab & Haryana High Court

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने सोमवार को एक वकील पर 1,000/- रुपये का जुर्माना लगाया।

हाईकोर्ट ने वकील पर यह जुर्माना इसलिए लगाया, क्योंकि उसने उसी दिन काम से परहेज किया था, जिस दिन एक मामले की जल्द सुनवाई की मांग करने वाला उसका आवेदन अदालत के समक्ष सूचीबद्ध किया गया था।

न्यायमूर्ति अरविंद सिंह सांगवान की खंडपीठ ने कहा कि अदालतें बड़ी मुश्किलों से वर्चुअल मोड के माध्यम से काम कर रही हैं, और तब भी वकीलों ने 11 अगस्त, 2021 को काम से परहेज किया।

यह जुर्माना अधिवक्ता प्रतीक पंडित पर लगाया गया है। इनका मामला जल्द सुनवाई के लिए आवेदन 11 अगस्त, 2021 को सूचीबद्ध किया गया था। उस दिन वकीलों ने स्वेच्छा से काम से परहेज किया था।

उन्होंने अर्जी में मुख्य मामले की तारीख को टालने की प्रार्थना की थी, जो 28 अक्टूबर, 2021 को तय की गई है।

अदालत ने टिप्पणी की,

"इस तथ्य के बावजूद कि अदालतें वर्चुअल मोड के माध्यम से बड़ी कठिनाइयों के साथ काम कर रही हैं। इसमें कनेक्टिविटी के बहुत सारे मुद्दे हैं। फिर भी वकीलों ने 11.08.2021 को काम से परहेज किया।"

उसी के मद्देनजर, अदालत ने मामले की जल्द सुनवाई के लिए कोई आधार नहीं पाया। इसलिए, 1,000/- रुपये के जुर्माना के साथ जल्दी सुनवाई के लिए उनके आवेदन को खारिज कर दिया।

अधिवक्ता पंडित को निर्देश दिया गया कि 15 दिन की अवधि के भीतर हाईकोर्ट विधिक सेवा प्राधिकरण में फीस जमा कराएं।

हालांकि, कोर्ट ने उन्हें बार एसोसिएशन से लागत वसूल करने की छूट दी है।

कोर्ट ने आदेश दिया,

"जुर्माना जमा करने के बाद वह पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन, चंडीगढ़ से इसे वसूल करने के लिए खुला होगा। यदि जुर्माना की राशि का भुगतान नहीं किया जाता है, तो वह अपने खिलाफ सदस्यता शुल्क का दावा/समायोजित कर सकता है।"

हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक वकील पर 5,000/- रूपये का जुर्माना लगाया था। उक्त वकील ने अदालत से मामले को पारित करने का अनुरोध किया, क्योंकि वह एक पूरक हलफनामा दायर करना चाहता था।

न्यायमूर्ति डॉ कौशल जयेंद्र ठाकर और न्यायमूर्ति दिनेश पाठक की पीठ ने कहा कि याचिका इस साल फरवरी और जून में दायर की गई थी। यानी चार महीने के अंदर ऐसा अनुरोध किया जा रहा था।

पीठ ने कहा,

"यह याचिका वर्ष 2021 में दायर की गई थी। विशेष रूप से फरवरी के महीने में। हम जून के महीने में हैं।"

कोर्ट ने इस प्रकार टिप्पणी की,

"चार महीने का समय देना इस कोर्ट की रजिस्ट्री के साथ याचिकाकर्ता द्वारा जुर्माना के रूप में 5000/- रुपये जमा करने के अधीन, जो मुख्यमंत्री राहत कोष में जाएगा, क्योंकि वह महामारी के दौरान पूरक हलफनामा दाखिल करने के लिए समय चाहता है।"

केस का शीर्षक - बलजीत सिंह बनाम पंजाब राज्य

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