दसवीं और बारहवीं कक्षा के छात्र-छात्राओं के लिए बोर्ड परीक्षा शुल्क में छूट की मांग: दिल्ली सरकार, सीबीएसई को दिल्ली हाईकोर्ट का निर्देश-याचिका को प्रतिनिधित्व माने
दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को दिल्ली सरकार और सीबीएसई को निर्देश दिया कि वह शैक्षणिक वर्ष 2021-2022 के लिए दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ रहे दसवीं और बारहवीं के छात्रों और अन्य निजी स्कूलों की ईडब्ल्यूएस श्रेणी के छात्रों के लिए बोर्ड परीक्षा शुल्क में छूट की मांग वाली याचिका को एक अभ्यावेदन के रूप में मानें।
प्रतिवादियों को मामले में नीतिगत निर्णय लेने के लिए कहते हुए जस्टिस प्रतीक जालान ने आदेश दिया,
"चूंकि 2022 में होने वाली बोर्ड परीक्षाओं के लिए परीक्षा शुल्क जमा करने की अंतिम तिथि 30.09.2021 है, यदि जीएनसीटीडी याचिकाकर्ता द्वारा मांगी गई राहत प्रदान करने का इरादा रखता है तो उसे 29.09.2021 तक इस संबंध में एक सार्वजनिक नोटिस जारी करने का निर्देश दिया जाता है।"
याचिका दो पिताओं की ओर से दायर की गई थी, जिनकी बेटियां वर्तमान में दिल्ली सरकार के एक स्कूल में बारहवीं कक्षा में पढ़ रही हैं।
याचिका में मामले के अंतिम निपटारे तक सीबीएसई द्वारा जारी किए गए 16 सितंबर 2021 और दिल्ली सरकार द्वारा जारी 20 सितंबर 2021 को जारी परिपत्रों के संचालन पर रोक लगाने की मांग की गई है।
सीबीएसई की ओर से जारी परिपत्र में कहा गया है कि आगामी दसवीं और बारहवीं बोर्ड परीक्षा के लिए 30 सितंबर से पहले उम्मीदवारों की सूची (एलओसी) जमा करना आवश्यक है और छात्रों को अपने-अपने स्कूलों की सूची में अपने नाम शामिल करने के लिए शुल्क जमा करना आवश्यक था।
याचिका में कहा गया है,
"इस साल सीबीएसई ने परीक्षा शुल्क संग्रह प्रक्रिया को पूरा करने के लिए स्कूलों को केवल 2 सप्ताह का समय दिया है। परिपत्र में कहा गया है कि कक्षा 10 और 12 दोनों में, एससी/एसटी छात्रों के लिए परीक्षा शुल्क 1200 रुपये और अन्य वर्गों के लिए 1500 रुपये प्रति उम्मीदवार है। शुल्क कक्षा 10 और 12 की बोर्ड परीक्षाओं के लिए केवल आधार शुल्क है।"
दूसरी ओर दिल्ली सरकार की ओर से जारी सर्कुलर में सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि कि सीबीएसई द्वारा निर्धारित विलंब शुल्क से बचने के लिए उक्त एलओसी को दी गई समय सीमा के भीतर जमा किया जाना चाहिए।
याचिका में कहा गया है,
"प्रतिवादी नंबर एक का सर्कुलर इस पहलू पर खामोश है कि क्या प्रतिवादी नंबर एक दिल्ली सरकार के स्कूलों और ईडब्ल्यूएस श्रेणी में पढ़ने वाले छात्रों को बोर्ड परीक्षा शुल्क के लिए कोई वित्तीय सहायता प्रदान करेगा।"
इसलिए, याचिका में मांग की गई है कि वर्ष 2021-2022 के लिए परीक्षा शुल्क जमा करने की समय बढ़ाने के लिए प्रतिवादियों को निर्देश दिया जाए।
कोर्ट ने याचिका को अभ्यावेदन के रूप में मानने का निर्देश देते हुए कहा, "बोर्ड परीक्षा शुल्क के संबंध में सरकारी स्कूल के छात्रों को सब्सिडी प्रदान करने का सवाल नीतिगत विषय है। इस संबंध में सरकार को ही फैसला करना चाहिए।"
याचिका एडवोकेट केपी जयराम, एडवोकेट पुलकित अग्रवाल, एडवोकेट आशुतोष कुमार, एडवोकेट पालव अग्रवाल, एडवोकेट आकाश सिन्हा और एडवोकेट शुधांशु कौशेष के माध्यम से दायर की गई है।
शीर्षक: सुहैल रजा और अन्य बनाम दिल्ली सरकार और अन्य।