अज़ान के लिए लाउड स्पीकर बैन करने पर याचिका : दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रशासन से स्टेटस रिपोर्ट मांगी
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस को एक अवमानना याचिका पर स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। अदालत का यह निर्देश उसके पहले के आदेश के अनुपालन के संबंध में है, जिसमें अदालत ने रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच लाउड स्पीकरों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था।
वर्तमान अवमानना याचिका संजीव कुमार ने लगाई है, जिसमें दावा किया गया है कि अदालत के उक्त आदेश के बाद भी दिल्ली में लगभग सभी मस्जिदें लाउड स्पीकर का उपयोग कर रही हैं, जो 2005 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा और 2019 में दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेशों के उल्लंघन है।
याचिकाकर्ता ने अपनी दलील इस तर्क के तहत दी है कि अगर हिंदू दिवाली पर पटाखे फोड़ना छोड़ सकते हैं तो मुसलमानों को अज़ान के लिए लाउडस्पीकर के इस्तेमाल से भी बचना चाहिए।
याचिका में अदालत से दिल्ली के सभी मस्जिदों के लिए लाउड स्पीकरों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के लिए दिल्ली सरकार को निर्देश देने की मांग की गई है, क्योंकि यह सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का उल्लंघन करता है, जिसमें रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकरों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया गया है।
केंद्र सरकार को भी यह सुनिश्चित करने के लिए दिशा निर्देश देने की मांग की गई है ताकि राज्य सरकारें धवनी प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2000 का अनुपालन कर सकें।
याचिकाकर्ता ने याचिका में मांग की है कि प्रत्येक जिले के एसएचओ और जिला मजिस्ट्रेट की यह ड्यूटी लगाई जाए कि वे यह सुनिश्चित करें कि दिल्ली की कोई भी मस्जिद अदालत के आदेशों का उल्लंघन करते हुए लाउडस्पीकर का उपयोग नहीं कर रही हो।
मस्जिदों के अलावा, याचिका में मांग की गई है कि एसएचओ / जिला मजिस्ट्रेट यह सुनिश्चित करें कि शाहीन बाग में प्रदर्शनकारी भी रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच लाउडस्पीकर का उपयोग नहीं कर रहे हों।
खुद के लिए सुरक्षा मांगने के अलावा, याचिकाकर्ता ने उन सभी व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए अदालत के हस्तक्षेप की भी मांग की है जो लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध के बारे में अदालत के आदेश के बारे में 'अफवाह फैलाने' के लिए मीडिया का उपयोग कर रहे हैं।
याचिका में कहा गया है कि 'कोर्ट का आदेश लाउड स्पीकर के इस्तेमाल के खिलाफ है, यह अज़ान या इस्लाम के खिलाफ नहीं है।
जस्टिस एके चावला की सिंगल बेंच ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 15 मई तय की है।