आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में वकीलों का वैक्सीनेशन नहीं किए जाने के खिलाफ याचिका दायर: राज्य सरकार बार एसोसिएशन के परामर्श से 45 से अधिक आयु वर्ग के लोगों के लिए वैक्सीनेशन ड्राइव का आयोजन करेगी

Update: 2021-07-26 04:18 GMT

वकीलों का टीकाकरण न करने के खिलाफ दायर एक याचिका पर जवाब देते हुए आंध्र प्रदेश सरकार ने गुरुवार को हाईकोर्ट को सूचित किया कि संबंधित बार एसोसिएशन के परामर्श से 45 वर्ष से अधिक आयु के कानूनी बिरादरी के सदस्यों को टीके लगाए जाएंगे।

कोर्ट ने दर्ज किया कि,

"एस.श्रीराम (एडवोकेट जनरल) का कहना है कि 45 वर्ष से अधिक आयु के कानूनी बिरादरी के सदस्यों को प्रत्येक जिले में दो स्थानों पर टीकाकरण किया जाएगा और इस तरह के टीकाकरण के लिए बार एसोसिएशन के परामर्श से काम किया जाएगा।"

मुख्य न्यायाधीश अरूप कुमार गोस्वामी और न्यायमूर्ति निनाला जयसूर्या की खंडपीठ के समक्ष एक जनहित याचिका दायर की गई, जिसमें शिकायत की गई कि अधिवक्ताओं को उनकी अघिक उम्र के बावजूद टीके नहीं दिए जा रहे हैं।

याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि उनके परिवार के सदस्यों को COVID-अस्पतालों/COVID स्वास्थ्य केंद्रों में इलाज मुहैया कराने की कोई योजना नहीं है।

याचिका में आगे राज्य सरकार द्वारा वकीलों के समुदाय के कल्याण के लिए आवंटित 100 करोड़ के फंड से शेष राशि जारी करने के निर्देश मांगे गए हैं।

महाधिवक्ता द्वारा गुरुवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट को आगे बताया गया कि टीकाकरण के दिशा-निर्देशों के अनुपालन में कानूनी बिरादरी के लिए सख्ती से किया जाएगा। यह भी बताया गया कि टीकाकरण के प्रशासन के दौरान संबंधित जिलों के प्रधान जिला न्यायाधीशों के परामर्श से 45 वर्ष से अधिक आयु के न्यायालय कर्मचारियों और जिलों के न्यायिक अधिकारियों को टीका लगाने के प्रयास किए जाएंगे।

इसके अतिरिक्त यह प्रस्तुत किया गया कि पहले एक टीकाकरण अभियान चलाया गया था जिसमें 73 वकीलों को वैक्सीन लगाए गए थे।

एजी ने आगे के लिए फंड जारी करने के मुद्दे पर निर्देश लेने के लिए और समय मांगा है। तदनुसार, मामले को 20 अगस्त को सुनवाई के लिए पोस्ट किया गया है।

इसी तरह के विकास में हाल ही में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के जबलपुर खंडपीठ के समक्ष एक याचिका दायर की गई है जिसमें COVID-19 के उपचार के लिए कानूनी बिरादरी के सदस्यों के हितों की रक्षा करने, वैक्सीन टीकाकरण में प्राथमिकता और फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं के रूप में विस्तारित लाभ की मांग की गई है। .

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने हाल ही में राज्य बार काउंसिल से ऐसे अधिवक्ताओं के परिवारों के लिए राहत की मांग करने वाली याचिका पर जवाब मांगा है, जो या तो COVID -19 के शिकार हो गए हैं या COVID-19 संक्रमित हैं।

केस का शीर्षक: आंध्र प्रदेश बार काउंसिल बनाम यूओआई एंड अन्य।

आदेश की कॉपी यहां पढ़ें:



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