मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तुलना अल्लाह से करने पर टीएमसी विधायक के खिलाफ कार्रवाई की मांग, कलकत्ता हाईकोर्ट में जनहित याचिका

Update: 2022-08-09 07:29 GMT

कलकत्ता हाईकोर्ट के समक्ष एक जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमें टीएमसी के एक सदस्य डॉ निर्मल मांझी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का निर्देश देने की मांग की गई है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि उन्होंने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तुलना अल्लाह से की है, जिससे उन्होंने मुस्लिम समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाया है।

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल के उलुबेरिया उत्तर विधानसभा से तृणमूल कांग्रेस के विधायक डॉ निर्मल मांझी पर हाल ही में ममता बनर्जी को मां शारदा का अवतार बताने का आरोप लगाया गया था और अब उन पर मुख्यमंत्री की तुलना अल्लाह से करने का आरोप लगाया गया है।

हाईकोर्ट के समक्ष नाजिया इलाही खान नामक शख्स ने जनहित याचिका दायर की है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि डॉ मांझी द्वारा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री की अल्लाह के साथ की गई तुलना निश्चित रूप से इस्लामी समुदाय की धार्मिक भावनाओं के खिलाफ है और यह भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 295ए के तहत अपराध है।

याचिका में आगे कहा गया है कि बीजेपी नेत्री नूपुर शर्मा की तरह, जिन्होंने पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था, डॉ माझी ने भी मुख्यमंत्री बनर्जी की तुलना अल्लाह से करके गलती की थी, हालांकि डॉ माजी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं हुई, जबकि नूपुर शर्मा को लुक आउट नोटिस जारी होने समेत कई कानूनी कार्रवाइयों का सामना करना पड़ा।

"... प्रतिवादी संख्या 4 (डॉ मांझी) के साथ वैसा ही व्यवहार नहीं किया गया, क्योंकि वह पश्चिम बंगाल राज्य में सत्तारूढ़ दल के सदस्य हैं, जिससे यह दिखता कि पश्चिम बंगाल में आपराधिक कानून का उपयोग अलग-अलग तरीके से हो रहा है। याचिकाकर्ता प्रार्थना करता है कि प्रतिवादी संख्या 4 के खिलाफ उसी तरह कानूनी कदम उठाए जाएं जैसे कि यह किसी अन्य व्यक्ति के खिलाफ उठाए जाते हैं।"

याचिका में कहा गया है कि डॉ मांझी ने इस्लाम धर्म के लाखों अनुयायियों की धार्मिक भावनाओं को आहत किया है, फिर भी वह देश के आपराधिक कानूनों के प्रावधानों के अनुसार बिना किसी कानूनी कार्रवाई के बेखौफ घूम रहे है। ऐसा इसलिए है क्योंकि वह पश्चिम बंगाल राज्य में सत्तारूढ़ दल के एक प्रमुख नेता हैं।

याचिका में प्रार्थना की गई है कि बिना किसी भेदभाव के डॉ मांझी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।


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