पीएफआई हड़ताल: केरल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को संपत्ति के नुकसान की राशि के संबंध में रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया
केरल हाईकोर्ट (Kerala High Court) ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वो 23 सितंबर को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और उसके महासचिव ए. अब्दुल सत्तार द्वारा दिए गए हड़ताल के संबंध में नुकसान की राशि पर रिपोर्ट दाखिल करें।
अदालत ने पुलिस द्वारा की गई गिरफ्तारी और विभिन्न अदालतों में लंबित जमानत आवेदनों के बारे में भी जानकारी मांगी। यह पीएफआई के खिलाफ पिछले महीने कोर्ट की ओर से शुरू की गई स्वत: संज्ञान अवमानना मामले की सुनवाई कर रहा था।
जस्टिस ए.के. जयशंकरन नांबियार और जस्टिस मोहम्मद नियास सी.पी. की खंडपीठ ने राज्य को निर्देश जारी करते हुए मामले को 7 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दिया।
अदालत ने यह भी कहा है कि हलफनामे में प्रतिवादियों की संपत्तियों के खिलाफ शुरू की गई वसूली का विवरण दिया जाना चाहिए।
पीएफआई ने एनआईए द्वारा अपने नेताओं की गिरफ्तारी के बाद पिछले महीने राज्य में सुबह से शाम तक हड़ताल का आह्वान किया था। गृह मंत्रालय ने यूएपीए के तहत संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया है।
23 सितंबर, 2022 को कोर्ट ने कहा था कि 7 जनवरी 2019 के अपने आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए, जिसमें यह सुनिश्चित करने के लिए विशेष निर्देश जारी किए गए थे कि हड़ताल या आम हड़ताल लोगों के मौलिक अधिकारों को प्रभावित न करे। और हड़ताल की घोषणा के लिए 7 दिन की पूर्व सूचना अनिवार्य कर दी थी।
केस टाइटल: सू मोटू बनाम ए अब्दुल सतरी