पैन एम हाईजैक-आतंकी हमला: क्या पत्नी की मौत के कारण पति को मिले मुआवजे पर आय के रूप में टैक्स लगाया जा सकता है?: गुजरात हाईकोर्ट विचार करेगा
गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat High Court) इस पर विचार करने के लिए तैयार है कि क्या आतंकवादी हमले में पत्नी की मौत के कारण पति को मिले मुआवजे पर आय के रूप में टैक्स लगाया जा सकता है।
न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति निशा ठाकोर की खंडपीठ ने इस सवाल पर विचार किया कि क्या मुआवजे के रूप में प्राप्त होने वाली किसी चीज पर आय के रूप में कर लगाया जा सकता है।
क्या है पूरा मामला?
वर्तमान मामले में, याचिकाकर्ता की पत्नी पैन अमेरिकन वर्ल्ड एयरवेज की उड़ान 73 [5 सितंबर, 1986 को] के यात्रियों में से एक थी, जो मुंबई से न्यूयॉर्क जा रही थी और उड़ान के हाइजैक के बाद आतंकवादियों द्वारा उसे मार दिया गया था और फ्लाइट को कराची में लैंड करने के लिए मजबूर किया गया था।
यह ध्यान दिया जा सकता है कि अपहर्ताओं द्वारा 50 से अधिक लोगों को मार डाला गया था, जिसमें याचिकाकर्ता कल्पेश बाबूभाई दलाल की पत्नी भी शामिल थी, और उसके बाद याचिकाकर्ता को न्यूयॉर्क कोर्ट के आदेश के अनुसार कुल 20 करोड़ का मुआवजा मिला।
इसके बाद, आयकर विभाग ने याचिकाकर्ता को उसकी पत्नी की मृत्यु के कारण प्राप्त मुआवजे के लिए कर लगाने की मांग की, जिसे आतंकवादियों/अपहर्ताओं द्वारा निर्विवाद रूप से मार दिया गया था।
इस प्रकार, याचिकाकर्ता ने उक्त मुआवजे को अपनी आय मानकर कर लगाने के आईटी विभाग के फैसले को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया।
इस पृष्ठभूमि के खिलाफ, अदालत ने शुरू में पक्षकारों से यह जानना चाहा कि क्या उक्त मुआवजे को आय कहा जाना चाहिए।
पक्षकारों के अनुरोध पर कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 14 मार्च को तय की है।
केस का शीर्षक - कल्पेश बाबूभाई दलाल बनाम आयकर अधिकारी, वार्ड 5(3)(1), अहमदाबाद