मालेगांव कोर्ट ने सड़क दुर्घटना केस में मुस्लिम व्यक्ति को दिन में पांच बार नमाज पढ़ने और मस्जिद में पेड़ लगाने के आदेश दिए

Update: 2023-03-01 10:36 GMT

मालेगांव कोर्ट ने इस हफ्ते की शुरुआत में एक मुस्लिम व्यक्ति को 21 दिनों तक दिन में पांच बार नमाज अदा करने और मस्जिद में दो।पेड़ लगाने का आदेश दिया। इस व्यक्ति को सड़क दुर्घटना विवाद मामले (आईपीसी की धारा 323) में दोषी माना गया था।

मजिस्ट्रेट तेजवंत सिंह संधू ने 27 फरवरी को आदेश पारित किया और पाया कि प्रोबेशन ऑफ ऑफेंडर्स एक्ट के प्रावधानों ने मजिस्ट्रेटों को एक दोषी को चेतावनी या उचित चेतावनी के बाद रिहा करने की शक्ति प्रदान की है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वह अपराध नहीं दोहराए।

अदालत ने कहा कि वर्तमान मामले में केवल चेतावनी पर्याप्त नहीं होगी और यह महत्वपूर्ण है कि दोषी अपनी दोषसिद्धि को याद रखे ताकि वह इसे न दोहराए।

आदेश में कहा गया है,

"मेरे अनुसार, उचित चेतावनी देने का मतलब यह समझना है कि अपराध किया गया था, आरोपी को दोषी साबित कर दिया गया है और वह इसे याद रखे ताकि वह फिर से अपराध न दोहराए।"

30 वर्षीय दोषी रउफ खान पर 2010 के एक मामले में कथित रूप से एक व्यक्ति पर हमला करने और उसे सड़क दुर्घटना में चोट पहुंचाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था।

खान पर भारतीय दंड संहिता की धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 325 (स्वेच्छा से गंभीर चोट पहुंचाना), 504 (शांति भंग करने के लिए जानबूझकर अपमान) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया गया था।

अदालत ने खान को आईपीसी की धारा 323 के तहत दोषी ठहराया और उसे अन्य आरोपों से बरी कर दिया।

न्यायाधीश ने पाया कि मुकदमे के दौरान खान ने कहा कि वह नियमित रूप से नमाज नहीं पढ़ रहा था। इसलिए न्यायाधीश ने उन्हें सोनपुरा मस्जिद परिसर में नमाज अदा करने और पेड़ लगाने का आदेश दिया। उन्हें पेड़ों की देखभाल करने का भी निर्देश दिया गया है।

आदेश पढ़ने/डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें

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