''कोर्ट के आदेश का पालन न करने के लिए कोई वैध आधार नहीं'': दिल्ली हाईकोर्ट ने एनडीएमसी को 4 सप्ताह के भीतर कामगारों को मासिक वेतन प्रदान करने का निर्देश दिया

Update: 2021-06-01 13:30 GMT

Delhi High Court

दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को उत्तरी दिल्ली नगर निगम को निर्देश दिया है कि वह कोर्ट के 29 जनवरी 2021 के आदेश के अनुपालन में कामगारों को मासिक वेतन प्रदान करें।

न्यायमूर्ति प्रतिभा सिंह की एकल न्यायाधीश की पीठ ने कहा किः

''इस न्यायालय की राय है कि याचिकाकर्ता के पास इस न्यायालय के आदेश का पालन न करने का कोई वैध आधार नहीं है, खासकर जब इसमें कामगारों के मासिक वेतन का भुगतान शामिल है।''

इसे देखते हुए कोर्ट ने आगे निर्देश दिया किः

''तदनुसार, यह निर्देश दिया जाता है कि भुगतान, 29 जनवरी 2021 के आदेश के अनुसार, निगम द्वारा चार सप्ताह की अवधि के भीतर जारी किया जाए। हालांकि, उक्त रिलीज उन आदेशों के अधीन होगा, यदि कोई हो, जो एसएलपी में पारित किए जा सकते हैं। यदि भुगतान जारी नहीं किया जाता है, तो उत्तरी दिल्ली नगर निगम का एक वरिष्ठ अधिकारी अगली तारीख पर अदालत में उपस्थित रहे।''

कामगारों द्वारा 29 जनवरी, 2021 के आदेश को लागू करने की मांग करते हुए एक आवेदन दायर किया गया है,उसी के बाद कोर्ट ने यह निर्देश जारी किया है। 29 जनवरी 2021 के आदेश में अदालत ने एनडीएमसी को औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 की धारा 17 बी के तहत प्रदान किए गए मापदंडों के आधार पर कामगारों को उनके वेतन का भुगतान करने का निर्देश दिया था।

सुनवाई के दौरान कामगारों ने कोर्ट को अवगत कराया कि आदेश को चुनौती देने वाली लेटर पेटेंट अपील को कोर्ट ने 16 मार्च को खारिज कर दिया था।

यह देखते हुए कि हाईकोर्ट की दो सदस्यीय खंडपीठ द्वारा आदेश को बरकरार रखा गया था,न्यायालय ने कहा किः

''एसएलपी दायर की गई है, लेकिन माना गया है कि वह सूचीबद्ध नहीं हुई है। यह आदेश पांच महीने से अधिक समय से लागू है और अदालत के 29 जनवरी 2021 के आदेश के संचालन पर कोई रोक नहीं है।''

उक्त के मद्देनजर, पीठ ने मामले को आगे की सुनवाई के लिए 26 अगस्त को पोस्ट किया है।

संबंधित समाचार में, दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की खंडपीठ ने कल उत्तरी दिल्ली नगर निगम को चेतावनी देते हुए कहा था कि कोरोना महामारी के मद्देनजर कर्मचारियों को वेतन और पेंशन का भुगतान करने में विफल रहने पर निगम की संपत्तियों को कुर्क किया जा सकता है।

खंडपीठ ने एनडीएमसी के अध्यक्ष को निर्देश दिया था कि वह अपने स्वयं के हलफनामे के तहत, सभी अचल और चल संपत्तियों के विवरण का खुलासा करने के साथ-साथ उनके अनुमानित मूल्य और बैंकों व वित्तीय संस्थानों में एनडीएमसी द्वारा रखे गए खातों और एक जुलाई 2021 तक उन खातों में रखी गई राशि का खुलासा करें।

केस का शीर्षकः एनडीएमसी बनाम वंदना व 22 अन्य

आदेश पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



Tags:    

Similar News