नेहरू प्लेस में आग लगने की घटना : दिल्ली हाईकोर्ट ने मानुषी संगठन की मॉक ड्रिल रिपोर्ट को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार किया

Update: 2022-02-07 13:03 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने 67 फेरीवालों और विक्रेताओं का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था मानुषी संगठन द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। इस याचिका में पिछले साल नेहरू प्लेस बाजार में एक इमारत में आग लगने की घटना के बाद दर्ज स्वत: संज्ञान मामले में दिल्ली दमकल सेवा द्वारा प्रस्तुत मॉक ड्रिल रिपोर्ट को चुनौती दी गई।

जस्टिस मनमोहन और जस्टिस नवीन चावला की खंडपीठ पहले से ही स्वत: संज्ञान मामले पर सुनवाई कर रही है।

पीठ ने याचिकाकर्ता को यह कहते हुए फटकार लगाते हुए कहा,

"आप कई कार्यवाही के साथ इस न्यायालय का दरवाजा खटखटाकर प्रक्रिया का दुरुपयोग कर रहे हैं। आप कानून का दुरुपयोग करके सार्वजनिक अधिकारियों में भगवान का भय नहीं डाल सकते।"

मॉक ड्रिल रिपोर्ट में कहा गया कि विभिन्न एजेंसियों द्वारा मौके पर पहुंचने में लगने वाला समय बहुत अधिक था। इससे यह संकेत मिलता है कि पैदल चलने वालों, भारी यातायात, फेरीवालों और पार्किंग की समस्याओं के कारण महत्वपूर्ण बाधाएं हैं। इसी के तहत रिपोर्ट में सिफारिश की गई कि इस जगह को हॉकर फ्री जोन बनाया जाए।

अलग से दायर एक रिट याचिका में मानुषी संगठन ने प्रस्तुत किया कि मॉक ड्रिल रिपोर्ट विश्वसनीय नहीं है, क्योंकि आग की घटना की तारीख को फायर स्टेशन छोड़ने से केवल एक मिनट में बल नेहरू प्लेस जिला केंद्र पर पहुंच गया। इस प्रकार, यह आरोप लगाया गया कि मॉक ड्रिल रिपोर्ट और कुछ नहीं बल्कि नेहरू प्लेस जिला केंद्र से व्यापारियों और विभिन्न सरकारी निकायों द्वारा फेरीवालों और रेहड़ी-पटरी वालों को बाहर करने का प्रयास है।

जस्टिस मनमोहन ने जोर देकर कहा कि संस्थान निष्पक्ष तरीके से काम करते हैं। कानून का दुरुपयोग करने वाले तरीके से कई कार्यवाही दर्ज करना गलत धारणा पैदा करता है।

जज ने याचिकाकर्ता से न्यायपालिका और राज्य एजेंसियों में अधिक विश्वास रखने के लिए कहा। उन्होंने याचिकाकर्ता को कई याचिकाओं के साथ अदालत पर बोझ डालने के बजाय राज्य एजेंसी को अपनी चिंताओं को व्यक्त करते हुए एक पत्र लिखने का सुझाव दिया।

पीठ ने आगे टिप्पणी की,

"रोजाना हम लगभग 60 याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे हैं। इनमें से कुछ कानून का घोर दुरुपयोग हैं। यह उनमें से एक है। आप न्यायपालिका को सामान्य रूप से काम करने से अक्षम कर रहे हैं। यदि आप कार्यवाही में आगे बढ़ना जारी रखते हैं तो अन्यथा कार्यवाही ठप हो जाएगी।"

इसके बाद अधिवक्ता इंदिरा उन्नीनायर ने याचिका वापस ले ली।

स्वत: संज्ञान मामले में कोर्ट ने दिल्ली दमकल सेवाओं को भविष्य के लिए कमियों की पहचान करने के उद्देश्य से कार्य दिवस पर नेहरू प्लेस मार्केट में एक मॉक ड्रिल आयोजित करने का निर्देश दिया था। जिसके बाद, हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार और पुलिस को एम्बुलेंस और फायर ब्रिगेड जैसी आपातकालीन सेवाओं के लिए एक लेन निर्धारित करने का निर्देश दिया, ताकि उनके लिए अबाधित आवाजाही सुनिश्चित हो सके।

इसने डीडीए, दिल्ली पुलिस और एसडीएमसी को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि दिल्ली फायर ब्रिगेड द्वारा दी गई सिफारिशों और सुझावों को जल्द से जल्द लागू किया जाए। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम को भी रोजाना आधार पर नो हॉकिंग एंड वेंडिंग पॉलिसी लागू करने का निर्देश दिया।

केस टाइटल: मानुषी संगठन बनाम दिल्ली फायर सर्विस

साइटेशन: 2022 लाइव लॉ (दिल्ली) 98

केस नंबर: डब्ल्यूपी (सी) 2172/2022

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