एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े ने मुंबई पुलिस आयुक्त से आर्यन खान मामले में जबरन वसूली के आरोपों पर कोई कार्रवाई न करने का आग्रह किया

Update: 2021-10-25 02:47 GMT

शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान से जुड़े क्रूज लाइनर ड्रग्स मामले में एक गवाह द्वारा कथित तौर पर गलत तरीके से हलफनामे पर हस्ताक्षर कराने और जबरन वसूली का आरोप लगाए जाने के कुछ घंटों बाद एनसीबी मुंबई के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े ने मुंबई पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि उन्हें गलत मंशा से फंसाने के लिए कोई कार्रवाई न हो।

पत्र में कहा गया है,

"यह मेरे संज्ञान में लाया गया है कि एनसीबी Cr.No.94/2021 में कथित सतर्कता संबंधी मुद्दे के संबंध में अज्ञात व्यक्ति द्वारा मुझे गलत तरीके से फंसाने के लिए कुछ कानूनी कार्रवाई की योजना बनाई जा रही है।"

अधिकारी ने बताया कि एनसीबी के उप महानिदेशक ने गवाह के हलफनामे को आगे की कार्रवाई के लिए महानिदेशक एनसीबी को भेज दिया है।

अधिकारी ने कहा,

"आपके संज्ञान में यह भी लाया जाता है कि कुछ सार्वजनिक पदाधिकारियों द्वारा सार्वजनिक मीडिया के माध्यम से उनको जेल भेजवाने और बर्खास्तगी की धमकी दी गई है।"

इसलिए यह अनुरोध किया जाता है कि गलत मंशा से फंसाने के लिए कोई कार्रवाई न हो।

पिछले हफ्ते, महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने वानखेड़े के खिलाफ कदाचार के कई आरोप लगाए थे और चेतावनी दी थी कि उन्हें उनकी नौकरी से हटा दिया जाएगा।

एक दिन पहले सोशल मीडिया पर सामने आए गवाह प्रभाकर सेल के नोटरीकृत हलफनामे में कहा गया है कि वानखेड़े ने उन्हें मामले में पंच गवाह के रूप में एनसीबी कार्यालय में कोरे कागज पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया।

सेल ने आगे दावा किया कि उसने केपी गोसावी (मामले में एक अन्य स्वतंत्र गवाह, जिसकी आर्यन खान के साथ तस्वीर वायरल हुई थी) को 18 करोड़ रुपये की जबरन वसूली और इसमें से 8 करोड़ रुपये वानखेड़े को देने की योजना के बारे में बात करते हुए सुना।

आगे दावा किया कि उन्होंने शाहरुख खान के मैनेजर को गोसावी से मिलते हुए देखा और उन्होंने एक स्थान से गोसावी के लिए दो बैग नकद एकत्र किए, जिसमें 38 लाख रुपये थे।

इसके बाद एनसीबी के उप महानिदेशक मुंबई ने कहा कि सतर्कता संबंधी आरोपों को देखते हुए हलफनामे को "आगे की आवश्यक कार्रवाई" के लिए एनसीबी के महानिदेशक को भेज दिया गया है।

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