नवरात्रि पर सांप्रदायिक तनाव : गुजरात हाईकोर्ट ने सार्वजनिक रूप से मुस्लिम लड़्को को पीटने के लिए पुलिस के खिलाफ अवमानना ​​​​याचिका पर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया

Update: 2022-10-21 09:32 GMT

गुजरात हाईकोर्ट में नवरात्र में शामिल होने वाले मुस्लिम लड़कों की सावर्जनिक रूप से पिटाई करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की मांग को लेकर याचिका दायर की गई। यह याचिका मुस्लिम परिवार के 5 सदस्यों ने दायर की गई, जिन्हें पुलिस अधिकारियों ने कथित तौर पर सार्वजनिक रूप से बांधकर पीटा गया और आस-पास खड़े अन्य पुलिस वाले मुस्लिम लड़कों की पिटाई के दौरान, जय-जयकार कर रहे हैं और घटना को रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया में टेलीकास्ट कर रहे हैं।

पुलिस कार्रवाई कथित रूप से खेड़ा जिले के मटर तालुका में स्थित उंढेला गांव में तीन अक्टूबर को हुई सांप्रदायिक झड़प के बाद की गई। आरोप है कि कुछ घुसपैठियों ने नवरात्रि समारोह के दौरान भीड़ पर पथराव किया। इस घटना में कम से कम 40 लोगों को गिरफ्तार किया गया।

याचिकाकर्ताओं में से वरिष्ठ नागरिक मकसूदाबानू ने आरोप लगाया कि पुलिस महिला कांस्टेबल की अनुपस्थिति में रात में उसके घर में घुस गई, उसके साथ मारपीट की और उसे और उसके परिवार के सदस्यों को पुलिस स्टेशन में अवैध हिरासत में रखा।

आरोप है कि याचिकाकर्ता और 5 अन्य को बाद में गांव वापस लाया गया, चौक के बीच में पोल से बांध दिया गया और भीड़ के सामने लाठियों से बेरहमी से पीटा गया।

याचिकाकर्ताओं की ओर से सीनियर एडवोकेट आईएच सैयद ने प्रस्तुत किया,

"कृपया इसे देखें, पहले उन्हें अवैध रूप से हिरासत में लिया गया, उन्हें मौके पर ले जाया गया, उन्हें डंडे से बांध दिया गया और फिर उन्हें बेरहमी से पीटा गया... प्रत्येक व्यक्ति को बाहर निकाला गया (पुलिस वैन से), पीटा गया, फिर से वाहन में डाल दिया, फिर दूसरा व्यक्ति, तीसरा व्यक्ति, वैसे ही यह चला गया ... पुलिसकर्मियों ने खुद अपने वीडियो बनाए और उन्होंने इसे सोशल मीडिया पर शेयर किया।"

उन्होंने आरोप लगाया कि डीके बसु मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पूरी तरह से उल्लंघन हुआ।

चीफ जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस आशुतोष जे शास्त्री की खंडपीठ ने राज्य सरकार, पुलिस सुपरिटेंडेंट, पुलिस जनरल डायरेक्टर और अन्य पुलिस अधिकारियों को प्रतिवादी के रूप में नोटिस जारी किया।

मामले की अगली सुनवाई 12 दिसंबर को होगी।

केस टाइटल: जहीरमिया रहमुमिया मालेक और अन्य बनाम गुजरात राज्य और अन्य।

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