जूनियर वकीलों के लिए मासिक स्टाइपेंड: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और बार काउंसिलों को नोटिस जारी किया

Update: 2022-04-18 08:01 GMT
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने जूनियर वकीलों के लिए मासिक स्टाइपेंड की मांग करने वाली याचिका पर छत्तीसगढ़ राज्य सरकार, बार काउंसिल ऑफ इंडिया और छत्तीसगढ़ राज्य बार काउंसिल को नोटिस जारी किया।

चीफ जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी और जस्टिस गौतम चौड़िया की पीठ ने 13 अप्रैल को 10 दिनों के भीतर जवाब दाखिल करने के लिए कहा।

अधिवक्ता सना मेमन और सिद्धांत दास द्वारा याचिका दायर कर प्रार्थना की गई कि छत्तीसगढ़ राज्य में जूनियर वकीलों को मासिक स्टाइपेंड के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए उपयुक्त नियम बनाए जाएं। याचिकाकर्ताओं ने बताया कि झारखंड, पांडिचेरी, आंध्र प्रदेश, केरल राज्यों में जूनियर वकीलों को स्टाइपेंड के भुगतान के लिए इसी तरह के नियम बनाए गए हैं।

याचिकाकर्ताओं ने बताया कि नामांकन के लिए वकीलों को राज्य बार काउंसिल को लगभग 16,000 रुपये का भुगतान करना पड़ता है। हालांकि, शुरुआती प्रैक्टिस के कठिन समय के दौरान भी जूनियर वकीलों की मदद करने का कोई प्रावधान नहीं है। याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि वित्तीय संकट की आशंका कई प्रतिभाशाली कानून स्नातकों को मुकदमेबाजी से दूर कर रही है। यह भी कहा गया कि COVID-19 संकट के बाद जूनियर वकीलों की स्थिति और खराब हो गई है।

2016 में झारखंड स्टेट बार काउंसिल न्यू एडवोकेट्स स्टाइपेंड रूल्स को अधिसूचित किया गया। 2020 में पुडुचेरी सरकार ने "जूनियर एडवोकेट्स स्कीम रूल्स को स्टाइपेंड ऑफ पुडुचेरी ग्रांट ऑफ गवर्नमेंट ऑफ पुडुचेरी" अधिसूचित किया। आंध्र प्रदेश सरकार ने भी जूनियर वकीलों को 5000 रुपये मासिक स्टाइपेंड देने का आदेश पारित किया।

पिछले साल दिसंबर में बार काउंसिल ऑफ केरल ने प्रैक्टिस शुरू करने से पहले तीन वर्षों के दौरान या 30 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक वकीलों के लिए 5000 रुपये मासिक स्टाइपेंड प्रदान करने के लिए नियमों को अधिसूचित किया।

याचिका अधिवक्ता प्रवीण दास, विवेक शर्मा, गैरी मुखोपाध्याय, अभिषेक चंद्र गुप्ता, आयुषी अग्रवाल के माध्यम से दायर की गई।

Tags:    

Similar News