मनीष सिसोदिया ने शराब नीति मामले में जमानत के लिए दिल्ली कोर्ट का रुख किया
आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा वर्ष 2021-22 के लिए आबकारी नीति से संबंधित भ्रष्टाचार के आरोप में दायर मामले में जमानत के लिए दिल्ली की एक अदालत का रुख किया है।
इस हफ्ते की शुरुआत में निचली अदालत ने सिसोदिया को चार मार्च तक सीबीआई की हिरासत में भेज दिया था जो शनिवार को खत्म हो रही है। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने सिसोदिया से पूछताछ के लिए सीबीआई की पांच दिन की हिरासत की मांग को स्वीकार कर लिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने जांच एजेंसी द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली सिसोदिया द्वारा दायर याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था। यह देखा गया कि सिसोदिया के पास हाईकोर्ट के समक्ष वैकल्पिक उपाय उपलब्ध हैं और उन्होंने उनसे भारत के संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत अधिकार क्षेत्र को सीधे लागू करने के बजाय उन्हें हाईकोर्ट जाने के लिए कहा।
सिसोदिया ने बाद में कैबिनेट से अपना इस्तीफा दे दिया जिसे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्वीकार कर लिया।
सिसोदिया को पिछले हफ्ते रविवार को 8 घंटे से ज्यादा की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया था। एफआईआर में उन्हें आरोपी बनाया गया। जांच एजेंसी का मामला है कि वर्ष 2021-22 के लिए आबकारी नीति बनाने और लागू करने में कथित अनियमितताएं हुई हैं।
सीबीआई ने आरोप लगाया कि सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया गया क्योंकि उन्होंने टालमटोल भरे जवाब दिए और सबूतों के सामने आने के बावजूद जांच में सहयोग नहीं किया।
सीबीआई ने रविवार को दूसरे दौर की पूछताछ शुरू की थी। सिसोदिया से इससे पहले पिछले साल 17 अक्टूबर को पूछताछ हुई थी। मामले में चार्जशीट 25 नवंबर, 2022 को दायर की गई थी।